विजय (स्मृतिकौस्तुभ)  

विजय व्रत एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- विजय व्रत (बहुविकल्पी)
  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी पर, जब सूर्यास्त के उपरान्त तारागण उदित हो रहे हों, तो उसको विजय कहते हैं।
  • यह समय सभी कृत्यों के लिए अत्यन्त शुभ माना जाता है।
  • यह नाम दिन के 11वें मुहूर्त का भी है, जबकि दिन 15 मुहूर्तों में विभाजित किया जाए।[१]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. स्मृतिकौस्तुभ (353)।

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