अलक्ष्मीनाशक स्नान
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- पौष पूर्णिमा को जब पुष्प नक्षत्र हो तब शरीर में सरसों का तेल लगाकर स्नान करने से अलक्ष्मी (अभाग्य) भागती है।
- उस समय नारायण, इन्द्र, चन्द्र, बृहस्पति एवं पुष्य की प्रतिमाओं की पूजा होती है, उन्हें सर्वौषधियों से युक्त जल से स्नान कराया जाता है और होम किया जाता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ स्मृतिकौस्तुभ 344-345; पुरुषार्थचिन्तामणि (307) एवं गदाधरपद्धति (178
अन्य संबंधित लिंक
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