महेश्वराष्टामी
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- मार्गशीर्ष शुक्ल की नवमी से प्रारम्भ होता है।
- इस व्रत में शिव की पूजा; लिंग या प्रतिमा के रूप में या कमल पर; घी एवं दूध से स्नान कराना।
- अन्त में गौदान करना चाहिए।
- यह व्रत यदि यदि वर्ष भर किया जाए तो अश्वमेध यज्ञ का लाभ एवं शिवलोक की प्राप्ति होती है।[१]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रत0 1, 747-748, विष्णुधर्मोत्तरपुराण से उद्धरण) ।
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