सन्तान व्रत  

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • सन्तानव्रत तिथिव्रत है।
  • जो कार्तिक पूर्णिमा को अपनी या दूसरे की कन्या को विवाह में देता है, नदियों के संगम पर उपवास करता है, वह सुखद लक्ष्य की प्राप्ति करता है।[१]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रत खण्ड 2, 238, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=सन्तान_व्रत&oldid=139349" से लिया गया