सर्वमंगल त्रियोदशी  

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जिसे अंकावंका कहा जाता है
  2. हेमाद्रि (व्रत खण्ड 2, 16-17, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण

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