माघ
माघ
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विवरण | माघ हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष का ग्यारहवाँ महीना है। |
अंग्रेज़ी | जनवरी-फरवरी |
हिजरी माह | रबीउल अव्वल - रबीउल आख़िर |
व्रत एवं त्योहार | बसंत पंचमी, मकर संक्रांति, पोंगल, लोहड़ी, मौनी अमावस्या, भीष्माष्टमी |
जयंती एवं मेले | नर्मदा जयंती, माघ मेला |
पिछला | पौष |
अगला | फाल्गुन |
विशेष | माघ मास में 'कल्पवास' का विशेष महत्त्व है। 'माघ काल' में संगम के तट पर निवास को 'कल्पवास' कहते हैं। |
अन्य जानकारी | माघ शुक्ल चतुर्थी 'उमा चतुर्थी' कही जाती है, क्योंकि इस दिन पुरुषों और विशेष रूप से स्त्रियों द्वारा कुन्द तथा कुछ अन्यान्य पुष्पों से उमा का पूजन होता है। साथ ही उनको गुड़, लवण तथा यावक भी समर्पित किये जाते हैं। |
माघ माहात्म्य
- माघमासे गमिष्यन्ति गंगायमुनसंगमे।
ब्रह्माविष्णु महादेवरुद्रादित्यमरूद्गणा:।। अर्थात ब्रह्मा, विष्णु, महादेव, रुद्र, आदित्य तथा मरूद्गण माघ मास में प्रयागराज के लिए यमुना के संगम पर गमन करते हैं।
- प्रयागे माघमासे तुत्र्यहं स्नानस्य यद्रवेत्।
दशाश्वमेघसहस्त्रेण तत्फलं लभते भुवि।। अर्थात प्रयाग में माघ मास के अन्दर तीन बार स्नान करने से जो फल होता है वह फल पृथ्वी में दस हज़ार अश्वमेध यज्ञ करने से भी प्राप्त नहीं होता है।