सार्वभौम व्रत
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- कार्तिक शुक्ल पक्ष की दशमी से यह व्रत आरम्भ होता है।
- उस दिन दही एवं पके भोजन से नक्तविधि।
- पवित्र भोजन से दस दिशाओं की पूजा की जाती है।
- विभिन्न रंगों के पुष्पों एवं भोज्य पदार्थों से ब्राह्मणों का सम्मान किया जाता है।
- यह व्रत एक वर्ष तक किया जाता है।
- जो राजा इसे करता है, वह विजयी एवं सम्राट हो जाता है।
- कृत्यकल्पतरु[१], हेमाद्रि[२] दोनों में वराह पुराण[३] से उद्धरण है।[४]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
अन्य संबंधित लिंक
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