अनन्त तृतीया
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- भाद्रपद या वैशाख या मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की तृतीया को यह व्रत किया जाता है।
- यह व्रत एक वर्ष के लिए किया जाता है।
- प्रत्येक मास में विभिन्न पुष्पों से गौरी की पूजा की जाती है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मत्स्य पुराण (62|1–39, पद्म पुराण 5|22|61–104), भविष्योत्तर पुराण (26|1–41), कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 60–66), हेमाद्रि व्रतखण्ड (1, 422–426), कृत्यरत्नाकर (265–270)।
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