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*[[रविवार]] को पड़ने वाली [[अष्टमी]] पर शंकरार्कव्रत किया जाता है। | *[[रविवार]] को पड़ने वाली [[अष्टमी]] पर शंकरार्कव्रत किया जाता है। | ||
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*अर्ध चन्द्र की आकृति में कुंकुम एवं लाल चन्दन से एक वृत्त बनाकर उसमें स्वर्ण से जड़ित एक माणिक रखना, जिसे शंकर की आँख कहा जाएगा | *अर्ध चन्द्र की आकृति में कुंकुम एवं लाल चन्दन से एक वृत्त बनाकर उसमें स्वर्ण से जड़ित एक माणिक रखना, जिसे शंकर की आँख कहा जाएगा | ||
*तिथिव्रत; [[देवता]] शंकर की आँख के रूप में [[अर्क]] (सूर्य) की पूजा की जाती है। | *तिथिव्रत; [[देवता]] शंकर की आँख के रूप में [[अर्क]] (सूर्य) की पूजा की जाती है। | ||
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०७:०५, १५ जुलाई २०११ के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- रविवार को पड़ने वाली अष्टमी पर शंकरार्कव्रत किया जाता है।
- शंकर की दाहिनी आँख में स्थित सूर्य की पूजा की जाती है।
- अर्ध चन्द्र की आकृति में कुंकुम एवं लाल चन्दन से एक वृत्त बनाकर उसमें स्वर्ण से जड़ित एक माणिक रखना, जिसे शंकर की आँख कहा जाएगा
- तिथिव्रत; देवता शंकर की आँख के रूप में अर्क (सूर्य) की पूजा की जाती है।
- यदि माणिक्य न हो तो सोना ही पर्याप्त होना चाहिए।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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