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*रविवार के बारह नाम हैं, यथा—नन्द, भद्र आदि होते हैं।  
 
*रविवार के बारह नाम हैं, यथा—नन्द, भद्र आदि होते हैं।  
 
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*गेहूँ के पूओं से ब्राह्मणों को तृप्त किया जाता है।<ref>कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड, 10-12), हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 522-23)।</ref>
 
*गेहूँ के पूओं से ब्राह्मणों को तृप्त किया जाता है।<ref>कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड, 10-12), हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 522-23)।</ref>
 
 
 
 
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०९:४०, २१ मार्च २०११ के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • रविवार के बारह नाम हैं, यथा—नन्द, भद्र आदि होते हैं।
  • माघ शुक्ल पक्ष की षष्ठी वाला रविवार नन्द कहलाता है।
  • उस दिन नक्त होता है, घी से सूर्य प्रतिमा को स्नान कराया जाता है तथा अगस्त्य के पुष्प चढ़ाये जाते हैं।
  • गेहूँ के पूओं से ब्राह्मणों को तृप्त किया जाता है।[१]

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड, 10-12), हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 522-23)।

अन्य संबंधित लिंक

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