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'''अजांबिका''' [[भाद्रपद मास|भाद्रपद माह]] में [[कृष्ण पक्ष]] की [[एकादशी]] का नाम है, जिसे 'जया एकदशी' भी कहते हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणाप्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=13|url=}}</ref>
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'''अजांबिका''' [[भाद्रपद मास|भाद्रपद माह]] में [[कृष्ण पक्ष]] की [[एकादशी]] का नाम है, जिसे 'जया एकदशी' भी कहते हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणाप्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=14|url=}}</ref>
  
*इस दिन उपवास करके [[द्वादशी]] के दिन विभिन्न उपचारों से भगवान [[उपेन्द्र]] की [[पूजा]] की जाती है।
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*इस दिन उपवास करके [[द्वादशी]] के दिन विभिन्न उपचारों से भगवान [[उपेन्द्र (विष्णु)|उपेन्द्र]] की [[पूजा]] की जाती है।
 
*उपेन्द्र की पूजा से प्राणी इह लोक में सम्पूर्ण उत्तम भोग भोगता है, और अन्त में वैष्णव धाम पाता है।<ref>[[नारद पुराण]], पूर्व भाग-चतुर्थपाद</ref>
 
*उपेन्द्र की पूजा से प्राणी इह लोक में सम्पूर्ण उत्तम भोग भोगता है, और अन्त में वैष्णव धाम पाता है।<ref>[[नारद पुराण]], पूर्व भाग-चतुर्थपाद</ref>
  

१२:१२, २४ नवम्बर २०१२ के समय का अवतरण

अजांबिका भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम है, जिसे 'जया एकदशी' भी कहते हैं।[१]

  • इस दिन उपवास करके द्वादशी के दिन विभिन्न उपचारों से भगवान उपेन्द्र की पूजा की जाती है।
  • उपेन्द्र की पूजा से प्राणी इह लोक में सम्पूर्ण उत्तम भोग भोगता है, और अन्त में वैष्णव धाम पाता है।[२]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पौराणिक कोश |लेखक: राणाप्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 14 |
  2. नारद पुराण, पूर्व भाग-चतुर्थपाद

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