"राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस" के अवतरणों में अंतर
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
|||
(३ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के ३ अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
− | + | {{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय | |
− | <blockquote>"ग्राहक हमारे परिसर में आने वाला सबसे महत्वपूर्ण अतिथि है। वह हम पर निर्भर नहीं है। हम उस पर निर्भर हैं। वह हमारे कार्य में बाधा नहीं है। वह इसका प्रयोजन है। वह हमारे व्यापार के लिए एक बाहरी व्यक्ति नहीं है। वह इसका हिस्सा है। हम उसे सेवा देकर उसे कोई लाभ नहीं दे रहे हैं। वह हमें ऐसा करने का अवसर देकर हमें लाभ दे रहा है।" - [[महात्मा गाँधी]]</blockquote> | + | |चित्र=Consumers-international-logo.gif |
+ | |चित्र का नाम=राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस प्रतीक चिह्न | ||
+ | |विवरण=उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कार्यरत और प्रयोजनपूर्ण बनाने के लिए [[दिसंबर]] [[2002]] में एक व्यापक संशोधन लाया गया और [[15 मार्च]] [[2003]] से लागू किया गया। | ||
+ | |शीर्षक 1=मनाने की तिथि | ||
+ | |पाठ 1= [[24 दिसंबर]] | ||
+ | |शीर्षक 2=शुरुआत | ||
+ | |पाठ 2=[[भारत]] में यह दिवस पहली बार [[वर्ष]] [[2000]] में मनाया गया। | ||
+ | |शीर्षक 3= | ||
+ | |पाठ 3= | ||
+ | |शीर्षक 4= | ||
+ | |पाठ 4= | ||
+ | |शीर्षक 5= | ||
+ | |पाठ 5= | ||
+ | |शीर्षक 6= | ||
+ | |पाठ 6= | ||
+ | |शीर्षक 7= | ||
+ | |पाठ 7= | ||
+ | |शीर्षक 8= | ||
+ | |पाठ 8= | ||
+ | |शीर्षक 9= | ||
+ | |पाठ 9= | ||
+ | |शीर्षक 10= | ||
+ | |पाठ 10= | ||
+ | |संबंधित लेख= | ||
+ | |अन्य जानकारी=प्रत्येक वर्ष 1[[5 मार्च]] को "विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस" मनाया जाता है। | ||
+ | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
+ | |अद्यतन= | ||
+ | }} | ||
+ | '''राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस''' [[भारत]] में [[24 दिसंबर]] को मनाया जाता है। इसके बाद इस अधिनियम में 1991 तथा 1993 में संशोधन किये गए। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कार्यरत और प्रयोजनपूर्ण बनाने के लिए [[दिसंबर]] [[2002]] में एक व्यापक संशोधन लाया गया और [[15 मार्च]] [[2003]] से लागू किया गया। परिणामस्वरूप उपभोक्ता संरक्षण नियम, 1987 में भी संशोधन किया गया और [[5 मार्च]] [[2004]] को अधिसूचित किया गया था। 24 दिसंबर सन् [[1986]] को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पास हुआ था। | ||
+ | <blockquote>"ग्राहक हमारे परिसर में आने वाला सबसे महत्वपूर्ण अतिथि है। वह हम पर निर्भर नहीं है। हम उस पर निर्भर हैं। वह हमारे कार्य में बाधा नहीं है। वह इसका प्रयोजन है। वह हमारे व्यापार के लिए एक बाहरी व्यक्ति नहीं है। वह इसका हिस्सा है। हम उसे सेवा देकर उसे कोई लाभ नहीं दे रहे हैं। वह हमें ऐसा करने का अवसर देकर हमें लाभ दे रहा है।" -[[महात्मा गाँधी]]</blockquote> | ||
==शुरुआत== | ==शुरुआत== | ||
− | [[भारत सरकार]] ने 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस घोषित किया है, क्योंकि [[भारत के राष्ट्रपति]] ने उसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अधिनियम को स्वीकारा था। इसके अतिरिक्त [[15 मार्च]] को प्रत्येक [[वर्ष]] | + | [[भारत सरकार]] ने 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस घोषित किया है, क्योंकि [[भारत के राष्ट्रपति]] ने उसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अधिनियम को स्वीकारा था। इसके अतिरिक्त [[15 मार्च]] को प्रत्येक [[वर्ष]] विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। यह दिन भारतीय ग्राहक आन्दोलन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। भारत में यह दिवस पहली बार वर्ष [[2000]] में मनाया गया। और आगे भी प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। |
==उपभोक्ता अधिकार== | ==उपभोक्ता अधिकार== | ||
{{Main|उपभोक्ता अधिकार}} | {{Main|उपभोक्ता अधिकार}} | ||
− | प्रत्येक व्यक्ति एक उपभोक्ता है, चाहे उसका व्यवसाय, आयु, लिंग, समुदाय तथा धार्मिक विचार धारा कोई भी हो। उपभोक्ता अधिकार और कल्याण आज प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का अविभाज्य हिस्सा बन गया है और हमने अपनी दैनिक जीवन में इस सभी का कहीं न कहीं उपयोग किया है। प्रत्येक वर्ष | + | प्रत्येक व्यक्ति एक उपभोक्ता है, चाहे उसका व्यवसाय, आयु, लिंग, समुदाय तथा धार्मिक विचार धारा कोई भी हो। उपभोक्ता अधिकार और कल्याण आज प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का अविभाज्य हिस्सा बन गया है और हमने अपनी दैनिक जीवन में इस सभी का कहीं न कहीं उपयोग किया है। प्रत्येक वर्ष 1[[5 मार्च]] को "विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस" मनाया जाता है। यह [[अमेरिका]] के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ़ केनेडी द्वारा की गई एक ऐतिहासिक घोषणा में बताया गया था, जिसमें चार मूलभूत अधिकार बताए गए हैं। |
* सुरक्षा का अधिकार | * सुरक्षा का अधिकार | ||
* सूचना पाने का अधिकार | * सूचना पाने का अधिकार | ||
पंक्ति १९: | पंक्ति ४८: | ||
*[http://india.gov.in/hi/spotlight/%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A5%8B-%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%95-%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A5%8B-%E0%A4%89%E0%A4%AA%E0%A4%AD%E0%A5%8B%E0%A4%95%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A4%B6%E0%A4%95%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3#tab=tab-1 जागो ग्राहक जागो : उपभोक्ता सशक्तीकरण] | *[http://india.gov.in/hi/spotlight/%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A5%8B-%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%95-%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A5%8B-%E0%A4%89%E0%A4%AA%E0%A4%AD%E0%A5%8B%E0%A4%95%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A4%B6%E0%A4%95%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3#tab=tab-1 जागो ग्राहक जागो : उपभोक्ता सशक्तीकरण] | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
− | {{राष्ट्रीय दिवस}} | + | {{राष्ट्रीय दिवस}}{{महत्त्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय दिवस}} |
[[Category:राष्ट्रीय दिवस]] | [[Category:राष्ट्रीय दिवस]] | ||
[[Category:महत्त्वपूर्ण दिवस]] | [[Category:महत्त्वपूर्ण दिवस]] |
१०:००, २४ दिसम्बर २०१७ के समय का अवतरण
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस
| |
विवरण | उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कार्यरत और प्रयोजनपूर्ण बनाने के लिए दिसंबर 2002 में एक व्यापक संशोधन लाया गया और 15 मार्च 2003 से लागू किया गया। |
मनाने की तिथि | 24 दिसंबर |
शुरुआत | भारत में यह दिवस पहली बार वर्ष 2000 में मनाया गया। |
अन्य जानकारी | प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को "विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस" मनाया जाता है। |
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस भारत में 24 दिसंबर को मनाया जाता है। इसके बाद इस अधिनियम में 1991 तथा 1993 में संशोधन किये गए। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कार्यरत और प्रयोजनपूर्ण बनाने के लिए दिसंबर 2002 में एक व्यापक संशोधन लाया गया और 15 मार्च 2003 से लागू किया गया। परिणामस्वरूप उपभोक्ता संरक्षण नियम, 1987 में भी संशोधन किया गया और 5 मार्च 2004 को अधिसूचित किया गया था। 24 दिसंबर सन् 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पास हुआ था।
"ग्राहक हमारे परिसर में आने वाला सबसे महत्वपूर्ण अतिथि है। वह हम पर निर्भर नहीं है। हम उस पर निर्भर हैं। वह हमारे कार्य में बाधा नहीं है। वह इसका प्रयोजन है। वह हमारे व्यापार के लिए एक बाहरी व्यक्ति नहीं है। वह इसका हिस्सा है। हम उसे सेवा देकर उसे कोई लाभ नहीं दे रहे हैं। वह हमें ऐसा करने का अवसर देकर हमें लाभ दे रहा है।" -महात्मा गाँधी
शुरुआत
भारत सरकार ने 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस घोषित किया है, क्योंकि भारत के राष्ट्रपति ने उसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अधिनियम को स्वीकारा था। इसके अतिरिक्त 15 मार्च को प्रत्येक वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। यह दिन भारतीय ग्राहक आन्दोलन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। भारत में यह दिवस पहली बार वर्ष 2000 में मनाया गया। और आगे भी प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।
उपभोक्ता अधिकार
प्रत्येक व्यक्ति एक उपभोक्ता है, चाहे उसका व्यवसाय, आयु, लिंग, समुदाय तथा धार्मिक विचार धारा कोई भी हो। उपभोक्ता अधिकार और कल्याण आज प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का अविभाज्य हिस्सा बन गया है और हमने अपनी दैनिक जीवन में इस सभी का कहीं न कहीं उपयोग किया है। प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को "विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस" मनाया जाता है। यह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ़ केनेडी द्वारा की गई एक ऐतिहासिक घोषणा में बताया गया था, जिसमें चार मूलभूत अधिकार बताए गए हैं।
- सुरक्षा का अधिकार
- सूचना पाने का अधिकार
- चुनने का अधिकार
- सुने जाने का अधिकार
इस घोषणा से अंतत: यह तथ्य अंतरराष्ट्रीय रूप से मान्य हुआ कि सभी नागरिक, चाहे उनकी आय या सामाजिक स्थिति कोई भी हो उन्हें उपभोक्ता के रूप में मूलभूत अधिकार हैं। 9 अप्रैल 1985 एक अन्य उल्लेखनीय दिवस है जब संयुक्त राष्ट्र की महा सभा द्वारा उपभोक्ता संरक्षण के लिए मार्गदर्शी सिद्धांतों का एक सैट अपनाया गया और संयुक्त राष्ट्र के महा सचिव को नीति में बदलाव या कानून द्वारा इन मार्गदर्शी सिद्धांतों को अपनाने के लिए सदस्य देशों से बातचीत करने का अधिकार दिया गया।[१]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ उपभोक्ता अधिकार (हिंदी) business.gov.in। अभिगमन तिथि: 17 दिसंबर, 2013।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख