पोखरण परमाणु विस्फोट दिवस
पोखरण परमाणु विस्फोट दिवस
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विवरण | 'पोखरण परमाणु विस्फोट दिवस' प्रत्येक वर्ष भारत में मनाया जाता है। राजस्थान के जैसलमेर से करीब 140 कि.मी. दूर लोहारकी गांव के पास मलका गांव में 18 मई, 1974 को भारत ने दुनिया में अपनी परमाणु शक्ति का लोहा मनवाया था। |
देश | भारत |
तिथि | 18 मई |
संबंधित लेख | ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, अटल बिहारी वाजपेयी |
अन्य जानकारी | पोखरण-1 के लगभग 24 साल बाद भारत ने पोखरण में ही 11 मई और 13 मई, 1998 को पांच परमाणु परीक्षण किये। इससे पहले 10 मई की रात को योजना को अंतिम रूप देते हुए इस ऑपरेशन को 'ऑपरेशन शक्ति' नाम दिया गया। |
पोखरण-1
18 मई, 1974 की सुबह आकाशवाणी के दिल्ली केंद्र पर चल रहे फिल्मी गीतों के प्रोग्राम को अचानक ही बीच में रोककर उद्घोषणा हुई...कृपया एक महत्त्वपूर्ण प्रसारण की प्रतीक्षा करें। कुछ ही क्षण पश्चात् उद्घोषक का स्वर गूँज उठा... "आज सुबह 8.05 पर पश्चिमी भारत के एक अज्ञात स्थान पर शांतिपूर्ण कार्यों के लिये भारत ने एक भूमिगत परमाणु परीक्षण किया है।" इस परीक्षण से पाँच दिन पहले 13 मई को परमाणु ऊर्जा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष होमी सेठना की देखरेख में भारत के परमाणु वैज्ञानिकों ने परमाणु डिवाइस को असेंबल करना शुरू किया था और 14 मई की रात डिवाइस को अंग्रेज़ी अक्षर एल की शक्ल में बने शाफ्ट में पहुँचा दिया गया था। यह था भारत का पहला परमाणु परीक्षण जो थार मरुस्थल में जैसलमेर से 110 कि.मी. दूर पोखरण के निकट बुद्ध पूर्णिमा के दिन 18 मई को निर्जन क्षेत्र में किया गया था। शायद इसीलिये पोखरण-1 को 'बुद्ध की मुस्कान' कोड नाम दिया गया था। परीक्षण के लिये पोखरण को इसलिये चुना गया था क्योंकि यहाँ से मानव बस्ती बहुत दूर थी।