अन्तरराष्ट्रीय अभिलेख दिवस
अन्तरराष्ट्रीय अभिलेख दिवस
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तिथि | 9 जून |
व्यापकता | विश्व स्तरीय |
शुरुआत | साल 2007 |
उद्देश्य | अभिलेखों के संरक्षण और प्रबंधन को बढ़ावा देना। |
संबंधित लेख | भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार, अभिलेख, शिलालेख |
अन्य जानकारी | बिहार अभिलेख भवन में मुग़ल काल से लेकर स्वतंत्रता आंदोलन और आजाद भारत की कहानी बतातीं तमाम तस्वीरें और पाठ्य सामग्री शामिल है। |
अद्यतन | 14:28, 24 मई 2022 (IST)
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विषय सूची
डिजिटाइजेशन
हिमाचल के राजाओं की रियासत और सियासत से जुड़े दुर्लभ अभिलेख अब एक क्लिक पर पढ़े जा सकेंगे। अभिलेखों को बार-बार देखने से उनके नष्ट होने का भी अब कोई खतरा नहीं रहेगा। भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग ने सदियों पुराने अभिलेखों को संरक्षित करने की योजना तैयार की है। अभिलेखों को आधुनिक तकनीक की मदद से संरक्षित किया जा रहा है। अब प्रदेश के ऐतिहासिक दस्तावेजों और भूमि व संपत्तियों की खरीद-फरोख्त का रिकॉर्ड डिजिटल रूप में देखा जा सकेगा। एक क्लिक से ही प्रदेश के सदियों पुराने इतिहास के पन्ने तलाश किए जा सकेंगे। भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग का अभिलेखागार इस कार्य में जुट गया है। ब्रिटिश काल में शिमला में बने भवनों से जुड़े दस्तावेजों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा था। अभी तक ऐसे दस्तावेजों को फाइलों में बांधकर कमरों में रखा गया था। इन दस्तावेजों में अंग्रेजों के जमाने की संपत्तियों की रजिस्ट्रियां भी शामिल हैं। ऐसे कुछ दस्तावेजों की हालत काफी खराब हो चुकी है। इसे सुरक्षित रखने के लिए ही अब इसकी डिजिटाइजेशन का कार्य शुरू किया गया है।