विश्व यकृत दिवस
विश्व यकृत दिवस
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विवरण | यकृत (लीवर) से संबंधित बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष विश्व यकृत (लीवर) दिवस मनाया जाता है। |
तिथि | 19 अप्रैल |
संबंधित लेख | विश्व हेपेटाइटिस दिवस, विश्व आघात दिवस, विश्व अस्थमा दिवस, विश्व क्षयरोग दिवस |
अन्य जानकारी | आयुर्वेदिक पद्धति यकृत के लिए एक समग्र पद्धति का प्रतिपादन करती है। इस पद्धति में आहार, व्यायाम और तनाव कम करने के तरीकों जैसे कि योग और प्राणायाम शामिल किया गया है। |
अद्यतन | 19:18, 20 अप्रॅल 2017 (IST)
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विश्व यकृत (लीवर) दिवस (अंग्रेज़ी: World Liver Day) यकृत (लीवर) से संबंधित बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष 19 अप्रैल को मनाया जाता है। यकृत मस्तिष्क को छोड़कर शरीर का सबसे जटिल और दूसरा सबसे बड़ा अंग हैं। यह आपके शरीर के पाचन तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आप जो भी खाते और पीते अथवा दवाइयाँ लेते हैं, वे सभी यकृत से होकर गुजरती हैं। आप यकृत के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं। यह एक ऐसा अंग है कि यदि आप अपने लीवर की उचित तरीके से देखभाल नहीं करते है, तो उसे आसानी से नुकसान पहुँच सकता हैं।[1]
यकृत के कार्य
- संक्रमणों और बीमारियों से लड़ना।
- रक्त शर्करा को नियमित करना।
- शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालना।
- कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करना।
- रक्त के थक्के (अधिक मोटा/गाढ़ा करना) के निर्माण में सहायता करना।
- पित्त निकालना (तरल, पाचन तंत्र और वसा को तोड़ने में सहायता करता हैं)।
आमतौर पर, जब तक कि लीवर की बीमारी पूरी तरह से बढ़े और क्षतिग्रस्त न हो जाएँ, तब तक यह किसी भी साफ़ संकेत अथवा लक्षण को प्रकट नहीं करती हैं। इस स्थिति में, संभावित लक्षण भूख और वज़न में कमी तथा पीलिया हो सकते हैं।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 विश्व लीवर (यकृत) दिवस (हिंदी) National Health Portal। अभिगमन तिथि: 20 अप्रैल, 2017।