भोजवन में पतझड़ -अजेय  

यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक/लेखकों का है भारतकोश का नहीं।
भोजवन में पतझड़ -अजेय
कवि अजेय
जन्म स्थान (सुमनम, केलंग, हिमाचल प्रदेश)
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
अजेय की रचनाएँ

हवा में घुल गया शीत
बेशरम ऐय्यार
छीन रहा वादियों की हरी चुनरी !
लजाती ढलानें
हो रही संतरी
फिर पीली
और भूरी !

मटमैला धूसर आकाश
नदी पारदर्शी
संकरी !

काँप कर सिहर उठी सहसा
कुछ बदरंग पत्तियाँ
छूट उड़ी शाख से
सकुचाती
मेरी खिड़की की काँच से
चिपक रह गई एकाध !

दरवाज़े की झिर्रियों से सेंध मारता
आखिरी अक्तूबर का
वह बदमज़ा अहसास
ज़बरन लिपट गया मुझ से !

लेटी रहेगी
एक कुनकुनी उम्मीद
मेरे बगल में
एक ठण्डी मुर्दा लिहाफ के नीचे
कि फूट जाएगीं कोंपलें
लौट आएगी
अगले मौसम तक
भोजवन में ज़िन्दगी .


नैनगार 18.10.2005


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

स्वतंत्र लेखन वृक्ष


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=भोजवन_में_पतझड़_-अजेय&oldid=583163" से लिया गया