गुलज़ारीलाल नन्दा
गुलज़ारीलाल नन्दा
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पूरा नाम | गुलज़ारीलाल नन्दा |
जन्म | 4 जुलाई, 1898 |
जन्म भूमि | सियालकोट, पंजाब, पाकिस्तान |
मृत्यु | 15 जनवरी, 1998 |
अभिभावक | पिता- बुलाकी राम नंदा, माता- श्रीमती ईश्वर देवी नंदा |
पति/पत्नी | लक्ष्मी देवी |
संतान | दो पुत्र और एक पुत्री |
नागरिकता | भारतीय |
पद | दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री |
कार्य काल | 27 मई, 1964 से 9 जून, 1964 और 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी, 1966 |
शिक्षा | स्नातकोत्तर एवं क़ानून की स्नातक उपाधि |
विद्यालय | फ़ोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज, इलाहाबाद विश्वविद्यालय |
जेल यात्रा | सत्याग्रह आन्दोलन (1932), भारत छोड़ो आन्दोलन (1942-1944) |
पुरस्कार-उपाधि | भारत रत्न, पद्म विभूषण |
रचनाएँ | सम आस्पेक्ट्स ऑफ़ खादी, अप्रोच टू द सेकंड फ़ाइव इयर प्लान, गुरु तेगबहादुर, संत एंड सेवियर, हिस्ट्री ऑफ़ एडजस्टमेंट इन द अहमदाबाद टेक्सटाल्स, फॉर ए मौरल रिवोल्युशन तथा सम बेसिक कंसीड्रेशन। |
कार्यक्षेत्र | अध्यापक, लेखक, लेबर एसोसिएशन के सचिव |
गुलज़ारीलाल नन्दा (अंग्रेज़ी: Gulzarilal Nanda, जन्म- 4 जुलाई, 1898, सियालकोट, पंजाब; पाकिस्तान; मृत्यु- 15 जनवरी, 1998) भारत के तेरह प्रधानमंत्रियों के अतिरिक्त कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में अब तक के एकमात्र ऐसे व्यक्ति रहे, जिन्होंने इस ज़िम्मेदारी को दो बार निभाया। यह प्रासंगिक ही था कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में गुलज़ारीलाल नंदा के व्यक्तित्व और कर्तव्य को भी यहाँ पर प्रस्तुत किया जाता। दरअसल भारत की संवैधानिक परम्परा में यह प्रावधान है कि यदि किसी प्रधानमंत्री की उसके कार्यकाल के दौरान मृत्यु हो जाए और नया प्रधानमंत्री चुना जाना तत्काल सम्भव न हो तो कार्यवाहक अथवा अंतरिम प्रधानमंत्री की नियुक्ति तब तक के लिए की जा सकती है, जब तक की नया प्रधानमंत्री विधिक रूप से नियुक्त नहीं कर दिया जाता। संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार प्रधानमंत्री के पद को रिक्त नहीं रखा जा सकता। कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्पित गुलज़ारीलाल नंदा प्रथम बार पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद 1964 में कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाए गए। दूसरी बार लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद 1966 में यह कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने। इनका कार्यकाल दोनों बार उसी समय तक सीमित रहा जब तक की कांग्रेस पार्टी ने अपने नए नेता का चयन नहीं कर लिया।
जन्म एवं परिवार
नंदाजी के रूप में विख्यात गुलज़ारीलाल नंदा का जन्म 4 जुलाई, 1898 को सियालकोट में हुआ था, जो अब पश्चिमी पाकिस्तान का हिस्सा है। इनके पिता का नाम 'बुलाकी राम नंदा' तथा माता का नाम 'श्रीमती ईश्वर देवी नंदा' था। नंदा की प्राथमिक शिक्षा सियालकोट में ही सम्पन्न हुई। इसके बाद उन्होंने लाहौर के 'फ़ोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज' तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। गुलज़ारीलाल नंदा ने कला संकाय में स्नातकोत्तर एवं क़ानून की स्नातक उपाधि प्राप्त की। इनका विवाह 1916 में 18 वर्ष की उम्र में ही 'लक्ष्मी देवी' के साथ सम्पन्न हो गया था। इनके परिवार में दो पुत्र और एक पुत्री सम्मिलित हुए।