कंचूवा  

कंचूवा - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत कञ्चुक)[१]

उदाहरण-

(क) सिर, साड़ी, गलि कंचुवउ हुवउ निचोवण जोग। - ढोला मारू र दूहा[२]

(ख) रतन जड़ित की काँचली औ कसी कंचूवउ षरड हो सुमीड़। - बीसलदेव रासो[३]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 719 |
  2. ढोला मारू र दूहा, 83, सम्पादक रामसिंह, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, द्वितीय संस्करण
  3. बीसलदेव रासो, पृष्ठ 66, सम्पादक सत्यजीवन बर्मा, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=कंचूवा&oldid=669105" से लिया गया