कंठारूधन - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कण्ठ + रोध)[१]
1. साँस रुकना।
2. मृत्यु के निकट की अवस्था।
उदाहरण-
कंठारूँधन भए मोह में लागा अजहूँ। - पलटू[२]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑
हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 722 |
- ↑ पलटू साहब की बानी, भाग 1, पृष्ठ 26, बेलवेडियर प्रेस, इलाहाबाद, 1907 ई.
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