अशोक कुमार
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अशोक कुमार
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पूरा नाम | कुमुद कुमार गांगुली |
प्रसिद्ध नाम | अशोक कुमार |
अन्य नाम | दादा मुनी |
जन्म | 13 अक्तूबर, 1911 |
जन्म भूमि | भागलपुर, बिहार |
मृत्यु | 10 दिसंबर, 2001 |
मृत्यु स्थान | मुम्बई |
अभिभावक | कुंजलाल गांगुली |
कर्म भूमि | मुम्बई |
कर्म-क्षेत्र | फ़िल्म संगीत, अभिनय, निर्देशक, निर्माता, गीतकार |
मुख्य फ़िल्में | अछूत कन्या, इज्जत, सावित्री, निर्मला |
शिक्षा | स्नातक |
विद्यालय | इलाहाबाद विश्वविद्यालय |
पुरस्कार-उपाधि | दादा साहब फाल्के पुरस्कार, पद्म भूषण, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार। |
नागरिकता | भारतीय |
अशोक कुमार (अंग्रेज़ी: Ashok Kumar, जन्म: 13 अक्तूबर, 1911, भागलपुर, बिहार; मृत्यु: 10 दिसंबर, 2000) हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता-निर्देशक थे। अशोक कुमार को सन् 1999 में भारत सरकार ने कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। हिन्दी सिनेमा के युगपुरुष कुमुद कुमार गांगुली उर्फ अशोक कुमार को ऐसे अभिनेता के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने उस समय प्रचलित थियेटर शैली को समाप्त कर अभिनय को स्वाभाविकता प्रदान की और छह दशकों तक अपने बेहतरीन काम से सिनेप्रेमियों को रोमांचित किया।[१] अशोक कुमार का असली नाम कुमुद गांगुली है। इन्हें दादा मुनी के नाम से जाना जाता है। अशोक कुमार ने 300 से ज़्यादा फ़िल्मों में अभिनय किया।
जीवन परिचय
अशोक कुमार का जन्म बिहार के भागलपुर शहर के आदमपुर मोहल्ले के एक मध्यम वर्गीय बंगाली परिवार में हुआ था। अशोक कुमार सभी भाई-बहनों में बड़े थे। उनके पिता कुंजलाल गांगुली मध्य प्रदेश के खंडवा में वकील थे।गायक एवं अभिनेता किशोर कुमार एवं अभिनेता अनूप कुमार उनके छोटे भाई थे। दरअसल इन दोनों को फ़िल्मों में आने की प्रेरणा भी अशोक कुमार से ही मिली। अशोक कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मध्यप्रदेश के खंडवा शहर में प्राप्त की थी और बाद में अशोक कुमार ने अपनी स्नातक की शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की थी। अशोक कुमार ने अभिनय की प्रचलित शैलियों को दरकिनार कर दिया और अपनी स्वाभाविक शैली विकसित की थी। वह कभी भी जोखिम लेने में नहीं घबराए और पहली बार हिन्दी सिनेमा में एंटी हीरो की भूमिका की थी।[१] अशोक कुमार ने सन् 1934 में न्यू थिएटर में बतौर लेबोरेट्री असिस्टेंट के रूप में काम किया था।
अशोक, अनूप और किशोर कुमार ने 'चलती का नाम गाड़ी' में काम किया। इस कॉमेडी फ़िल्म में भी अशोक कुमार ने बड़े भाई की भूमिका निभाई थी। फ़िल्म में मधुबाला ने भी काम किया था। किशोर कुमार ने अपने कई साक्षात्कारों में यह बात स्वीकार की थी कि उन्हें न केवल अभिनय बल्कि गाने की प्रेरणा भी अशोक कुमार से मिली थी क्योंकि अशोक कुमार ने बचपन में उनके भीतर बालगीतों के जरिए गायन के संस्कार डाले थे।[२]
अभिनय की शुरुआत
फ़िल्म जगत् में दादामुनी के नाम से लोकप्रिय अशोक कुमार के अभिनय सफर की शुरुआत किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं थी। 1936 में बांबे टॉकीज स्टूडियो की फ़िल्म 'जीवन नैया' के अभिनेता अचानक बीमार हो गए और कंपनी को नए कलाकार की तलाश थी। ऐसी स्थिति में स्टूडियो के मालिक हिमांशु राय की नज़र आकर्षक व्यक्तित्व के धनी लैबोरेटरी असिस्टेंट अशोक कुमार पर पड़ी और उनसे अभिनय करने का प्रस्ताव दिया था। यहीं से उनके अभिनय का सफ़र शुरू हो गया। उनकी अगली फ़िल्म 'अछूत कन्या' थी। 1937 में प्रदर्शित फ़िल्म अछूत कन्या में देविका रानी उनकी नायिका थीं। यह फ़िल्म कामयाब रही और उसने दादामुनी को बड़े सितारों की श्रेणी में स्थापित कर दिया। उस ज़माने के लिहाज़ से यह महत्त्वपूर्ण फ़िल्म थी और इसी के साथ सामाजिक समस्याओं पर आधारित फ़िल्मों की शुरुआत हुई। देविका रानी के साथ उन्होंने आगे भी कई फ़िल्में की जिनमें 'इज्जत', 'सावित्री', 'निर्मला' आदि शामिल हैं। इसके बाद उनकी जोड़ी लीला चिटनिस के साथ बनी।[१]
सफलता
एक स्टार के रूप में अशोक कुमार की छवि 1943 में आई 'क़िस्मत' फ़िल्म से बनी। पर्दे पर सिगरेट का धुँआ उड़ाते अशोक कुमार ने राम की छवि वाले नायक के उस दौर में इस फ़िल्म के जरिए एंटी हीरो के पात्र को निभाने का जोखिम उठाया। यह जोखिम उनके लिए बेहद फ़ायदेमंद साबित हुआ और इस फ़िल्म ने सफलता के कई कीर्तिमान बनाए। उसी दशक में उनकी एक और फ़िल्म महल आई, जिसमें मधुबाला थीं। रोमांचक फ़िल्म महल को भी बेहद कामयाबी मिली। बाद के दिनों में जब हिन्दी सिनेमा में दिलीप, देव और राज की तिकड़ी की लोकप्रियता चरम पर थी, उस समय भी उनका अभिनय लोगों के सर चढ़कर बोलता रहा और उनकी फ़िल्में कामयाब होती रहीं। अपने दौर की अन्य अभिनेत्रियों के साथ-साथ अशोक कुमार ने मीना कुमारी के साथ भी कई फ़िल्मों में अभिनय किया जिनमें पाकीज़ा, बहू बेगम, एक ही रास्ता, बंदिश, आरती आदि शामिल हैं।[२] अशोक कुमार के अभिनय की चर्चा उनकी आशीर्वाद फ़िल्म के बिना अधूरी ही रहेगी। इस फ़िल्म में उन्होंने एकदम नए तरह के पात्र को निभाया। इस फ़िल्म में उनका गाया गीत रेलगाड़ी रेलगाड़ी.. काफ़ी लोकप्रिय हुआ था।
वर्ष | फ़िल्म | नायिका | निर्देशक |
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1936 | जीवन नैया | देविका रानी | फ़्रांज आस्टिन |
जन्मभूमि | देविका रानी | फ़्रांज आस्टिन | |
अछूत कन्या | देविका रानी | फ़्रांज आस्टिन | |
1937 | सावित्री | देविका रानी | फ़्रांज आस्टिन |
प्रेम कहानी | माया देवी | फ़्रांज आस्टिन | |
इज़्ज़त | देविका रानी | फ़्रांज आस्टिन | |
1938 | वचन | देविका रानी | फ़्रांज आस्टिन |
निर्मला | देविका रानी | फ़्रांज आस्टिन | |
1939 | कंगन | लीला चिटनिस | - |
1940 | बंधन | लीला चिटनिस | एन. आर.आचार्य |
आज़ाद | लीला चिटनिस | एन. आर.आचार्य | |
1941 | नया संसार | लीला चिटनिस | एन. आर.आचार्य |
झूला | लीला चिटनिस | ज्ञान मुखर्जी | |
अंजान | देविका रानी | अमिया चक्रवर्ती | |
1943 | नज़मा | वीणा | महबूब खान |
क़िस्मत | मुमताज़ शांति | ज्ञान मुखर्जी | |
अंगूठी | चन्द्र प्रभा | बी. मित्रा | |
1944 | चल चल रे नौजवान | नसीम बानो | ज्ञान मुखर्जी |
किरन | लीला चिटनिस | जागीरदार | |
1945 | हुमायूँ | वीणा | महबूब खान |
बेगम | नसीम बानो | सुशील मजूमदार | |
1946 | शिकारी | वीणा | सावक वाचा |
एट डेज़ | - | - | |
1947 | चन्द्रशेखर | कानन देवी | देवकी बोस |
साजन | रेहाना | किशोर साहू | |
1948 | पदमिनी | मुमताज | |
1949 | महल | मधुबाला | कमाल अमरोही |
1950 | आधी रात | नर्गिस | एस.के. ओझा |
संग्राम | नलिनी जयवंत | ज्ञान मुखर्जी | |
मशाल | सुमित्रा देवी | नितिन बोस | |
निशाना | मधुबाला | वजाहत मिर्ज़ा | |
समाधि | नलिनी जयवंत | रमेश सहगल | |
खिलाड़ी | सुरैया | आर.सी. तलवार | |
1951 | दीदार | नर्गिस | नितिन बोस |
अफ़साना | वीणा | बी. आर. चोपड़ा | |
1952 | पूनम | कामिनी कौशल | एम. सादिक |
तमाशा | मीना कुमारी | फणी मजूमदार | |
सलोनी | नलिनी जयवंत | जे.पी. अडवानी | |
बेताब | नसीम बानो | हरबंस | |
बेवफ़ा | नर्गिस | एम.एल. आनंद | |
राग रंग | गीता बाली | दिग्विजय | |
नौ बहार | नलिनी जयवंत | आनंद कुमार | |
काफ़िला | नलिनी जयवंत | अरविंद सेन | |
जलपरी | नलिनी जयवंत | मोहन सिन्हा | |
1953 | शोले | बीना राय | - |
शमशीर | भानुमति | ज्ञान मुखर्जी | |
परिणीता | मीना कुमारी | विमल राय | |
1954 | नगमा | नादिरा | नक्शब |
समाज | शशिकला | वसंत जोगलेकर | |
लकीरें | नलिनी जयवंत | हरबंस | |
बादबान | मीना कुमारी | फणी मजूमदार | |
1955 | बंदिश | मीना कुमारी | सत्येन बोस |
सरदार | बीना राय | ज्ञान मुखर्जी | |
1956 | इंस्पेक्टर | गीता बाली | शक्ति सामंत |
एक ही रास्ता | मीना कुमारी | बी. आर. चोपड़ा | |
शतरंज | मीना कुमारी | ज्ञान मुखर्जी | |
भाई भाई | निरुपा राय | एम.बी.रामन | |
जीवनसाथी | ऊषा किरण | आर.एस.तारा | |
1957 | मिस्टर एक्स | नलिनी जयवंत | नानाभाई भट्ट |
उस्ताद | अंजलि देवी | नानाभाई भट्ट | |
बंदी | बीना राय | सत्येन बोस | |
तलाश | बीना राय | विश्राम बेडेकर | |
एक साल | मधुबाला | देवेंद्र गोयल | |
शेरू | नलिनी जयवंत | शक्ति सामंत | |
1958 | सवेरा | मीना कुमारी | सत्येन बोस |
चलती का नाम गाड़ी | मधुबाला | सत्येन बोस | |
हावड़ा ब्रिज | मधुबाला | शक्ति सामंत | |
सितारों के आगे | वैजयंती माला | सत्येन बोस | |
रागिनी | पद्मिनी | राखन | |
नाइट क्लब | कामिनी कौशल | नरेश सहगल | |
कारीगर | निरुपा राय | वसंत जोगलेकर | |
लाइटहाउस | नूतन | जी.पी सिप्पी | |
फ़रिश्ता | मीना कुमारी | रवींद्र दवे | |
1959 | बेदर्द ज़माना क्या जाने | निरुपा राय | बाबूभाई मिस्त्री |
कंगन | निरुपा राय | नानाभाई भट्ट | |
नई राहें | गीता बाली | बृज सदाना | |
डाका | निरुपा राय | नानाभाई भट्ट | |
बाप बेटे | श्यामा | राजा परांजपे | |
धूल का फूल | माला सिन्हा | यश चोपड़ा | |
नाचघर | शोभा खोटे | आर.एस. तारा | |
1960 | कल्पना | - | - |
हौस्पिटल | - | - | |
क़ानून | - | - | |
काला आदमी | - | - | |
आँचल | - | - | |
मासूम | - | - | |
1961 | डार्क स्ट्रीट | - | - |
वारंट | - | - | |
फ्लैट नम्बर 9 | - | - | |
धर्मपुत्र | - | - | |
1962 | राखी | - | - |
नकली नवाब | - | - | |
उम्मीद | - | - | |
प्राइवेट सेक्रेटरी | - | - | |
मेहेंदी लगी मेरे हाथ | - | - | |
इसी का नाम दुनिया | - | - | |
बर्मा रोड | - | - | |
आरती | - | - | |
1963 | आज और कल | - | - |
मेरे महबूब | - | - | |
मेरी सूरत तेरी आँखें | - | - | |
गुमराह | - | - | |
उस्तादों के उस्ताद | - | - | |
ये रास्ते हैं प्यार के | - | - | |
गृहस्थी | - | - | |
बन्दिनी | - | - | |
1964 | दूज का चाँद | - | - |
फूलों की सेज | - | - | |
बेनज़ीर | - | - | |
पूजा के फूल | - | - | |
चित्रलेखा | - | - | |
क्रॉसरोड्स | - | - | |
1965 | चाँद और सूरज | - | - |
बहू बेटी | - | - | |
आकाशदीप | - | - | |
नया क़ानून | - | - | |
ऊँचे लोग | - | - | |
भीगी रात | - | - | |
आधी रात के बाद | - | - | |
1966 | ममता | - | - |
दादी माँ | - | - | |
ये ज़िन्दगी कितनी हसीन है | - | - | |
तूफ़ान में प्यार कहाँ | - | - | |
अफ़साना | - | - | |
1967 | मेहरबाँ | - | - |
नई रोशनी | - | - | |
बहू बेगम | - | - | |
ज्वैलथीफ | - | - | |
1968 | आबरू | - | - |
दिल और मोहब्बत | - | - | |
साधू और शैतान | - | - | |
एक कली मुस्काई | - | - | |
आशीर्वाद | - | - | |
1969 | आँसू बन गये फूल | - | - |
दो भाई | - | - | |
पैसा या प्यार | - | - | |
इंतक़ाम | - | - | |
भाई बहन | - | - | |
प्यार का सपना | - | - | |
आराधना | - | - | |
सत्यकाम | - | - | |
1970 | जवाब | - | रामन्ना |
शराफ़त | - | असित सेन | |
माँ और ममता | - | असित सेन | |
पूरब और पश्चिम | - | मनोज कुमार | |
1971 | अधिकार | - | एस.एम. सागर |
नया ज़माना | - | प्रमोद चक्रवर्ती | |
दूर का राही | - | किशोर कुमार | |
पाकीज़ा | - | कमाल अमरोही | |
कंगन | - | के.बी.तिलक | |
गंगा तेरा पानी अमृत | - | वीरेन्द्र सिन्हा | |
हम तुम और वो | - | शिव कुमार | |
गुड्डी | - | ऋषिकेश मुखर्जी | |
उम्मीद | - | नितिन बोस | |
सफ़र | - | - | |
1972 | दिल दौलत दुनिया | - | पी. एस. अरोड़ा |
राखी और हथकड़ी | - | एस.एम. सागर | |
रानी मेरा नाम | - | के.एस.आर.दास | |
सा रे गा मा पा | - | सत्येन बोस | |
विक्टोरिया नम्बर 203 | - | बृज सदाना | |
मालिक | - | ए.भीम सिंह | |
सज़ा | - | चांद | |
गरम मसाला | - | - | |
ज़मीन आसमान | - | ए. वीरप्पन | |
अनुराग | - | शाक्ति सामंत | |
ज़िन्दगी ज़िन्दगी | - | तपन सिन्हा | |
1973 | हिफ़ाज़त | - | के.एस.आर.दास |
टैक्सी ड्राइवर | - | मोहम्मद हुसैन | |
बड़ा कबूतर | - | देवेन वर्मा | |
दो फूल | - | एस. रामानाथन | |
धुंध | - | बी. आर. चोपड़ा | |
1974 | ख़ून की कीमत | - | शिबू मित्रा |
पैसे की गुड़िया | - | बृज सदाना | |
बढ़ती का नाम दाढ़ी | - | किशोर कुमार | |
उजाला ही उजाला | - | एस.एम. सागर | |
प्रेम नगर | - | के.एस.प्रकाश राव | |
दुल्हन | - | सी.वी.राजेंद्रन | |
दो आँखें | - | अजय विश्वास | |
1975 | आक्रमण | - | जे.ओमप्रकाश |
एक महल हो सपनों का | - | देवेंद्र गोयल | |
चोरी मेरा काम | - | बृज सदाना | |
मिली | - | ऋषिकेश मुखर्जी | |
छोटी सी बात | - | बासु चैटर्जी | |
उलझन | - | रघुनाथ झालानी | |
दफ़ा 302 | - | चांद | |
1976 | भँवर | - | भप्पी सोनी |
हरफन मौला | - | एस.एम. सागर | |
एक से बढ़कर एक | - | बृज सदाना | |
शंकर दादा | - | शिबू मित्रा | |
संतान | - | मोहन सहगल | |
अर्जुन पंडित | - | ऋषिकेश मुखर्जी | |
मज़दूर जिंदाबाद | - | नरेश कुमार | |
आप बीती | - | मोहन कुमार | |
रंगीला रतन | - | एस. रामानाथन | |
बारूद | - | प्रमोद चक्रवर्ती | |
1977 | अनुरोध | - | शक्ति सामंत |
ड्रीम गर्ल | - | प्रमोद चक्रवर्ती | |
प्रायश्चित | - | कमल मजूमदार | |
चला मुरारी हीरो बनने | - | असरानी | |
हीरा और पत्थर | - | विजय भट्ट | |
मस्तान दादा | - | सत्येन बोस | |
आनन्द आश्रम | - | शक्ति सामंत | |
जादू टोना | - | रविकांत नगाइच | |
सफ़ेद झूठ | - | बासू चैटर्जी | |
1978 | खट्टा मीठा | - | बासू चैटर्जी |
तुम्हारे लिये | - | बासू चैटर्जी | |
अपना क़ानून | - | बी. सुभाष | |
दो मुसाफ़िर | - | देवेन्द्र गोयल | |
चोर के घर चोर | - | विजय सदाना | |
प्रेमी गंगाराम | - | - | |
अनमोल तस्वीर | - | सत्येन बोस | |
फूल खिले हैं गुलशन गुलशन | - | सिकंदर खन्ना | |
दिल और दीवार | - | के.बापय्या | |
1979 | बगुला भगत | - | हरमेश मल्होत्रा |
जनता हवलदार | - | महमूद | |
अमर दीप | - | के.विजयन | |
1980 | सौ दिन सास के | - | - |
जुदाई | - | टी. रामाराव | |
ख़ूबसूरत | - | - | |
ज्योति बने ज्वाला | - | - | |
आख़िरी इंसाफ | - | - | |
ख़्वाब | - | - | |
साजन मेरे मैं साजन की | - | - | |
आप के दीवाने | - | - | |
टक्कर | - | - | |
नज़राना प्यार का | - | - | |
1981 | जय यात्रा | - | - |
महफ़िल | - | - | |
मान गये उस्ताद | - | - | |
शौक़ीन | - | - | |
ज्योति | - | - | |
1982 | डायल 100 | - | - |
चलती का नाम ज़िन्दगी | - | - | |
संबंध | - | - | |
शक्ति | - | - | |
मेहंदी रंग लायेगी | - | - | |
दर्द का रिश्ता | - | - | |
अनोखा बंधन | - | - | |
1983 | महान | - | एस. रामानाथन |
काया पलट | - | - | |
लव इन गोआ | - | - | |
हादसा | - | अकबर ख़ान | |
चोर पुलिस | - | - | |
प्रेम तपस्या | - | दासारी नारायण राव | |
बेकरार | - | - | |
पसन्द अपनी अपनी | - | बासु चैटर्जी | |
तकदीर | - | - | |
1984 | दुनिया | - | रमेश तलवार |
फ़रिश्ता | - | सुनील सिकंद | |
राम तेरा देश | - | स्वरूप कुमार | |
हम लोग | - | - | |
राजा और राणा | - | शिबू मित्रा | |
अकलमंद | - | राज भारत | |
गृहस्थी | - | प्रशांत नंदा | |
हम रहे ना हम | - | केतन आनंद | |
1985 | एक डाकू शहर में | - | कालीदास |
दुर्गा | - | शिबू मित्रा | |
फिर आई बरसात | - | कृष्णा नायडू | |
भागो भूत आया | - | जय प्रकाश कर्नाटकी | |
फर्ज की कीमत | - | सुधीर वाही | |
तवायफ़ | - | बी. आर. चोपड़ा | |
1986 | भीम भवानी | - | - |
प्यार किया है प्यार करेंगे | - | विजय रेड्डी | |
इंतक़ाम की आग | - | शिव कुमार | |
अम्मा | - | जितेन | |
दहलीज़ | - | - | |
कत्ल | - | आर. के. नय्यर | |
असली नकली | - | - | |
शत्रु | - | प्रमोद चक्रवती | |
1987 | आवाम | - | बी. आर. चोपड़ा |
हिफ़ाज़त | - | प्रयाग राज | |
वो दिन आयेगा | - | सत्येन बोस | |
वतन के रखवाले | - | टी. रामाराव | |
प्यार की जीत | - | सावन कुमार | |
मिस्टर इण्डिया | - | शेखर कपूर | |
जवाब हम देंगे | - | विजय रेड्डी | |
सुपरमैन | - | - | |
1988 | फ़ैसला | - | - |
भारत एक खोज | - | - | |
इन्तकाम | - | राजकुमार कोहली | |
1989 | ममता की छाँव में | - | मनोज कुमार |
क्लर्क | - | राजकुमार बोस | |
अनजाने रिश्ते | - | दलजीत सिंह | |
दाना पानी | - | देवेन वर्मा | |
सच्चाई की ताकत | - | टी. रामाराव | |
मज़बूर | - | टी. रामाराव | |
1991 | मौत की सज़ा | - | - |
आधि मिमांसा | - | - | |
1992 | हमला | - | एन. चंद्रा |
1993 | आँसू बने अंगारे | - | - |
1994 | यूं ही कभी | - | कुमार भाटिया |
1995 | जमला हो जमला | - | - |
मेरा दामाद | - | - | |
1996 | रिटर्न ऑफ ज्वैलथीफ | - | अशोक त्यागी |
दुश्मन दुनिया का | - | महमूद | |
बेकाबू | - | - | |
1997 | आँखों में तुम हो | - | असीम सामंत |
चरित्र अभिनेता
अशोक कुमार ने बाद के जीवन में चरित्र अभिनेता की भूमिकाएँ निभानी शुरू कर दी थीं। इन भूमिकाओं में भी अशोक कुमार ने जीवंत अभिनय किया। अशोक कुमार गंभीर ही नहीं हास्य अभिनय में भी महारथ रखते थे। विक्टोरिया नंबर 203 फ़िल्म हो या शौक़ीन, अशोक कुमार ने हर किरदार में कुछ नया पैदा करने का प्रयास किया। उम्र बढ़ने के साथ ही उन्होंने सहायक और चरित्र अभिनेता का किरदार निभाना शुरू कर दिया लेकिन उनके अभिनय की ताजगी क़ायम रही। ऐसी फ़िल्मों में क़ानून, चलती का नाम गाड़ी, छोटी सी बात, मिली, ख़ूबसूरत, गुमराह, एक ही रास्ता, बंदिनी, ममता आदि शामिल हैं।[१] उन्होंने विलेन की भी भूमिका की। देव आनंद की ज्वैल थीफ़ में उन्होंने विलेन की भूमिका की थी।
फ़िल्म निर्माण
पचास के दशक मे बाम्बे टॉकीज से अलग होने के बाद उन्होंने अपनी खुद की कंपनी शुरू की और जूपिटर थिएटर को भी ख़रीद लिया। अशोक कुमार प्रोडक्शन के बैनर तले उन्होंने सबसे पहली फ़िल्म समाज का निर्माण किया, लेकिन यह फ़िल्म बॉक्स आफिस पर बुरी तरह असफल रही। इसके बाद उन्होनें अपने बैनर तले फ़िल्म परिणीता भी बनाई। लगभग तीन वर्ष के बाद फ़िल्म निर्माण क्षेत्र में घाटा होने के कारण उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी बंद कर दी। 1953 में प्रदर्शित फ़िल्म 'परिणीता' के निर्माण के दौरान फ़िल्म के निर्देशक बिमल राय के साथ उनकी अनबन हो गई थी। जिसके कारण उन्होंने बिमल राय के साथ काम करना बंद कर दिया, लेकिन अभिनेत्री नूतन के कहने पर अशोक कुमार ने एक बार फिर से बिमल रॉय के साथ 1963 में प्रदर्शित फ़िल्म बंदिनी में काम किया। यह फ़िल्म हिन्दी फ़िल्म के इतिहास में आज भी क्लासिक फ़िल्मों में शुमार की जाती है। 1967 में प्रदर्शित फ़िल्म 'ज्वैलथीफ़' में अशोक कुमार के अभिनय का नया रूप दर्शको को देखने को मिला। इस फ़िल्म में वह अपने सिने कैरियर मे पहली बार खलनायक की भूमिका में दिखाई दिए। इस फ़िल्म के जरिए भी उन्होंने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। अभिनय में आई एकरुपता से बचने और स्वंय को चरित्र अभिनेता के रूप मे भी स्थापित करने के लिए अशोक कुमार ने खुद को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया। इनमें 1968 में प्रदर्शित फ़िल्म 'आर्शीवाद' ख़ास तौर पर उल्लेखनीय है। फ़िल्म में बेमिसाल अभिनय के लिए उनको सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस फ़िल्म में उनका गाया गाना रेल गाड़ी-रेल गाड़ी बच्चों के बीच काफ़ी लोकप्रिय हुआ।
अन्य विशेषताएँ
'दादामुनी' मतलब बड़े भाई के नाम से मशहूर अशोक कुमार एक बेहतरीन चित्रकार, शतरंज खिलाड़ी, एक होम्योपैथ व कई भाषाओं के ज्ञाता भी थे। उन्होंने कई फ़िल्मों में स्वयं गाने भी गाए। फ़िल्म ही नहीं अशोक कुमार ने टीवी में भी काम किया। भारत के पहले सोप ओपेरा 'हम लोग' में उन्होंने सूत्रधार की भूमिका निभाई। सूत्रधार के रूप में अशोक कुमार 'हम लोग' के एक अभिन्न अंग बन गए। दर्शक आख़िर में की जाने वाली उनकी टिप्पणी का इंतज़ार करते थे क्योंकि वह टिप्पणी को हर बार अलग तरीके से दोहराते थे। इसके अलावा उन्होंने आख़िरी मुग़ल बादशाह बहादुर शाह जफ़र के जीवन पर आधारित धारावाहिक में भी बेहतरीन भूमिका निभाई।[२]
पुरस्कार
अशोक कुमार को फ़िल्मी सफर में कई पुरस्कारों से नवाज़ा गया और क़रीब छह दशक तक बेमिसाल अभिनय से दर्शकों को रोमांचित किया।
सन | पुरस्कार |
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1959 | संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। |
1962 | राखी फ़िल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला था। |
1967 | अफ़साना फ़िल्म के लिए सहायक अभिनेता का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला था। |
1969 | आशीर्वाद फ़िल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला था। |
1969 | आशीर्वाद फ़िल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिला था। |
1988 | दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। |
1994 | स्टार स्क्रीन लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। |
1995 | फ़िल्मफ़ेयर लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। |
1999 | पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। |
2001 | उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अवध सम्मान दिया गया। |
2007 | स्टार स्क्रीन की तरफ़ से "विशेष पुरस्कार" पुरस्कार से सम्मान दिया गया। |
मृत्यु
क़रीब छह दशक तक बेमिसाल अभिनय से दर्शकों को रोमांचित करने वाले दादामुनी अशोक कुमार 10 दिसंबर 2001 को इस दुनिया को अलविदा कह गए। वह आज भले ही हमारे बीच नहीं हो लेकिन वह क़रीब 275 फ़िल्मों की ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जो हमेशा-हमेशा के लिए दर्शकों को सोचने, गुदगुदाने और रोमांचित करने के लिए पर्याप्त हैं।[१]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ १.० १.१ १.२ १.३ १.४ युगपुरुष थे दादामुनी उर्फ अशोक कुमार (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) याहू जागरण। अभिगमन तिथि: 12 अक्टूबर, 2010।
- ↑ २.० २.१ २.२ सहज अभिनय के पर्याय थे अशोक कुमार (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) याहू जागरण। अभिगमन तिथि: 12 अक्टूबर, 2010।
- ↑ आभार- पंजाब केसरी
बाहरी कड़ियाँ
- अशोक कुमार
- फ़िल्मफ़ेयर
- सहज अभिनय के पर्याय थे अशोक कुमार
- अशोक कुमार
- 'दादा मुनी' की 100वीं वर्षगांठ होगी धमाकेदार
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