भारत पर्यटन  

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भारत के पर्वतीय पर्यटन अल्मोड़ा, नैनीताल, लेंस डाउन, गढ़मुक्तेश्वर, मसूरी, कसौली, शिमला, कुल्लू, डलहौज़ी, श्रीनगर, गुलबर्ग, सोनमर्ग, अमरनाथ, पहलगाम, दार्जिलिंग, कालिंपोंग, राँची, शिलांग, कुंजुर, ऊटकमंड (ऊटी), महाबलेश्वर, पंचमढ़ी, माउण्ट आबू है।

भारतवासी अपनी दीर्घकालीन, अनवरत एवं सतरंगी उपलब्धियों से युक्त इतिहास पर गर्व कर सकते हैं। प्राचीन काल से ही भारत एक अत्यन्त ही विविधता सम्पन्न देश रहा है और यह विशेषता आज भी समय की घड़ी पर अंकित है। यहाँ प्रारम्भ से अनेक अध्यावसायों का अनुसरण होता रहा है, पृथक्-पृथक् मान्यताएँ हैं, लोगों के रिवाज और दृष्टिकोणों के विभिन्न रंगों से सज़ा यह देश अतीत को भूत, वर्तमान एवं भविष्य की आँखों से देखने के लिए आह्वान कर रहा है। किन्तु बहुरंगी सभ्यता एवं संस्कृति वाले देश के सभी आयामों को समझने का प्रयास इतना आसान नहीं है।

ऐतिहासिक स्थल

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत में इतने अधिक विचार एवं दृष्टिकोण केवल इसीलिए फल-फूल पाएँ हैं कि यहाँ वैचारिक विविधता और वाद-संवाद को प्रायः सर्व- सहमति प्राप्त रही है। भारत की विविधता हमें स्थलों के अनुशीलन में भी दिखाई देती है। ऐतिहासिक स्थलों के अध्ययन तथा विवेचन में भारतीय संस्कृति का स्वरूप स्वयं प्रकाशित होता है। इससे इतिहास के बिखरे सूत्रों की प्रभावी रूप से तलाश संभव है। यह भी उल्लेखनीय है कि नगर एवं नगर-जीवन के विकास का विविरण सभ्यता के विकास का प्रधान सूत्र है। राजनीतिक और आर्थिक प्रगति तथा शिल्प, कला एवं विद्या का बहुमुखी विकास के साथ ही सम्पन्न हुआ है।

प्राचीन धार्मिक स्थल

प्राचीन काल से ही भव्य देवालयों और धर्म स्थलों से भरपूर भारत स्थापत्य कला के लिए विश्व प्रसिद्ध है।

धार्मिक स्थल

अनेक धर्म और परंपराओं से सज़ा भारत अपने भीतर हज़ारों धार्मिक स्थल बसाए हुए है। जो पूरे भारत में देशी और विदेशी पर्यटकों और श्रद्धालुओं का मुख्य आकर्षण हैं।

भारत के राज्यों के पर्यटन

भारत के विभिन्न दृश्य
अरुणाचल प्रदेश पर्यटन

अरुणाचल प्रदेश राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल- तवांग, दिरांग, बोमडिला, टीपी, ईटानगर, मालिनीथान, लीकाबाली, पासीघाट, अलोंग, तेजू, मियाओ, रोइंग, दापोरिजो, नामदफा, भीष्मकनगर, परशुराम कुंड और खोंसा हैं।

असम पर्यटन

असम के दर्शनीय स्थल हैं:-

आंध्र प्रदेश पर्यटन
उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में सभी के लिए आकर्षण की कई चीज़ें हैं।

उत्तराखण्ड पर्यटन
ओडिशा पर्यटन

ओडिशा राज्य के आर्थिक विकास में पर्यटन के महत्त्व को समझते हुए मीडिया प्रबंधन एजेंसियों और पर्व प्रबंधकों को प्रचार एवं प्रसार का कार्य दिया गया है। उड़ीसा को विभिन्न महत्त्वपूर्ण पर्यटन परिजनाओं - धौली में शांति पार्क, ललितगिरि, उदयगिरि तथा लांगुडी के बौद्ध स्थलों को ढांचागत विकास और पिपिली में पर्यटन विकास का काम किया जाएगा। (पुरी) भुवनेश्वर का एकाग्र उत्सव, कोणार्क का कोणार्क पर्व के मेलों और त्योहारों के विकास के लिए प्रयास किया जा रहा है।

कर्नाटक पर्यटन
  • 'एक राज्य - कई दुनियां' के रूप में जाना जाने वाला कर्नाटक राज्य दक्षिण भारत का प्रमुख पर्यटन केंद्र बनता जा रहा है।
  • सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी के केंद्र कनार्टक में हाल ही में बहुत से पर्यटक आते हैं।
  • 2005-06 की तुलना में 2006-07 में पर्यटकों की संख्या में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह राज्य अपने स्मारकों की विरासत और प्राकृतिक पर्यटन के रूप में प्रसिद्ध है।
  • 'स्वर्ण रथ', जिसका नाम दक्षिण भारत की विश्व धरोहर 'हम्पी' के प्रस्तर रथ के नाम पर रखा गया है, प्राचीन धरोहरों, भव्य महलों, वन्यजीवन और सुनहरे समुद्र-तटों के बीच भ्रमण करेगा।
केरल पर्यटन

पर्यटन गतिविधियों के लिए केरल में स्‍थायी और सफल वृद्धि के लिए अपेक्षित वातावरण पहले से विद्यमान है। पर्यटन क्षेत्र के लिए महत्‍वपूर्ण तत्‍व है - प्राकृतिक सौंदर्य, सामान्‍य जलवायु, स्‍वच्‍छ पर्यावरण, मैत्री भाव वाले शांतिप्रिय लोग हैं जो सांस्‍कृतिक विविधता के प्रति बेहद सहिष्‍णु हैं और अनूठे पर्यावरण को निर्मित करने की क्षमता रखते हैं। केरल देश में सर्वप्रिय पर्यटन स्‍थल के रूप में उभरा है। समुद्र तट, गर्म मौसम, समुद्री झीलें, पर्वतीय स्‍थल, जल प्रपात, वन्‍य जीवन, आयुर्वेद, वर्ष भर त्‍योहार तथा विविध पेड़ पौधे केरल को पर्यटकों के लिए एक अनूठा गंतव्‍य स्‍थल बनाते हैं।

गुजरात पर्यटन

गुजरात में द्वारका, सोमनाथ, पालीताना के निकट शत्रुंजय पहाड़ी, पावागढ़, अंबाजी भद्रेश्वर, शामलाजी, तरंगा और गिरनार जैसे धार्मिक स्थलों के अलावा महात्मा गाँधी की जन्मभूमि पोरबंदर तथा पुरातत्त्व और वास्तुकला की दृष्टि से उल्लेखनीय पाटन, सिद्धपुर, घुरनली, दभोई, बाडनगर, मोधेरा, लोथल और अहमदाबाद जैसे स्थान भी हैं।

गोवा पर्यटन
  • भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी किनारे पर स्थित गोवा एक छोटा-सा किन्तु बहुत सुन्दर राज्य है। यह उत्तर में महाराष्ट्र और दक्षिणी छोर से कर्नाटक द्वारा घिरा हुआ है। इसके पूर्वी भाग पर पश्चिमी घाट तथा पश्चिमी भाग पर अरब सागर स्थित है।
  • स्वर्णिम इतिहास तथा विविधताओं का प्रतीक गोवा, पहले गोमानचला, गोपाकापट्टम, गोपाकापुरी, गोवापुरी, गोवाराष्ट्र इत्यादि महत्त्वपूर्ण नामों से मशहूर था।
  • गोवा को 'पर्यटकों का स्‍वर्ग' कहते हैं। गोवा राज्‍य, भारत के पश्चिमी तट पर स्थित है और इस तटीय पट्टी को कोंकण कहते हैं। गोवा की मनमोहक सुंदरता और गोवा के मंदिरों, गिरजाघरों और पुराने निवास स्‍थानों की वास्‍तुकलात्‍मक भव्‍यता गोवा को दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों का एक आकर्षण केन्‍द्र बनाती है।
  • गोवा की प्राकृतिक सुंदरता के अलावा यहाँ के प्रसिद्ध तट और सूर्य की धूप पर्यटकों को गोवा की ओर खींचती है जो यहाँ के शांति प्रिय, अतिथि सत्‍कार करने वाले और दोस्‍ताना व्‍यवहार रखने वाले लोगों के कारण अधिक आकर्षक है।
छत्तीसगढ़ पर्यटन
  • भारत के हृदय में स्थित छत्तीसगढ़ में समृद्ध सांस्कृतिक पंरपरा और आकर्षक प्राकृतिक विविधता है।
  • राज्य में प्राचीन स्मारक, दुर्लभ वन्यजीव, नक़्क़ाशीदार मंदिर, बौद्धस्थल, महल जल-प्रपात, पर्वतीय पठार, रॉक पेंटिंग और गुफाएं हैं।
  • बस्तर अपनी अनोखी सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान के साथ पर्यटकों को एक नई ताजगी प्रदान करता हो।
जम्मू और कश्मीर पर्यटन

जम्मू और कश्मीर में पर्यटन सुविधाओं में काफ़ी सुधार किए गए हैं, यद्यपि सम्भावनाओं का अभी भी काफ़ी उपयोग करना शेष है। पर्यटन का लद्दाख पर महत्त्वपूर्ण सामाजिक - आर्थिक प्रभाव पड़ा है। यह 1970 तक बाहरी लोगों से सामान्यतः कटा रहा था। (1974 में 500 पर्यटक और 1992 में 16,018)।

झारखण्ड पर्यटन

झारखण्ड राज्य में अनेक मनोरम स्थल हैं। ये हैं-

  • इचागढ पक्षी विहार
  • उद्धव पक्षी विहार- साहिबगंज (पठारा झील)
  • चाचरो मगरमच्छ पालन केंद्र कोडरमा (तिलाया बांध)
  • चंद्रपुर पक्षी विहार
  • जवाहरलाल नेहरू चिडियाघर (बोकारो)
  • तेनुघाट पक्षी विहार, डालमा वन्यजीव अभयारण्य (जमशेदपुर)
तमिलनाडु पर्यटन

चेन्नई, ममल्लापुरम, पूंपुहार, कांचीपुरम, कुंभकोणम, धारासुरम, चिदंबरम, तियअन्‍नामलै, श्रीरंगम, मदुरै, रामेश्वरम, तिरूनेलवेली, कन्याकुमारी, तंजावूर, वेलंकन्नी, नागूर चित्‍तान वसाल, कलुगुमलै (स्‍मारक केंद्र), कोर्टलम, होगेनक्‍कल, पापनाशम, सुरूली (जल-प्रपात), ऊटी (उटकमंडलम) आदि पर्यटन की दृष्टि से कुछ महत्‍वपूर्ण स्‍थान हैं।

त्रिपुरा पर्यटन

त्रिपुरा हर दृष्टि से पर्यटन के लिए उपयुक्त राज्य है। यहां देखने तथा घूमने-फिरने के लिए कई स्थान एवं स्थल हैं। राज्य संस्कृति की दृष्टि से भी संपन्न है। यह राज्य पूर्वोत्तर राज्यों के मुकाबले पर्यटन की अधिक संभावनाओं से पूर्ण है। यहां पूर्वोत्तर के राज्यों के अलावा बांग्लादेश जाने वाले पर्यटक भी आकर्षित होते हैं। होटल उद्योग के विकास के साथ ही यहां पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ी हैं। पर्यटकों के आकर्षण के साथ ही राज्य में इसके विकास की भारी संभावनाएं हैं। 10,491.69 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र के साथ यह देश के सबसे छोटे राज्यो मे से एक है।

नागालैंड पर्यटन

प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट (आर.ए.पी.) में ढील देने से राज्‍य में अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटकों का आना-जाना शुरू हो गया है, यहाँ देशी विदेशी पर्यटक प्रतिवर्ष बडी संख्‍या में आते हैं। नागालैंड पर्यटन विभाग द्वारा प्रतिवर्ष दिसंबर माह के प्रथम सप्‍ताह में ‘हॉर्नबिल’ उत्‍सव आयोजित किया जाता है, जिसमें नागालैंड की सभी जनजातियां एक स्थान पर आकर उत्‍सव मनाती हैं और अपनी पांरपरिक वस्‍तुओं, खाद्य पदार्थों और शिल्‍पगत चीज़ों का प्रदर्शन करती तथा बेचती हैं।

पंजाब पर्यटन
  • पंजाब की पावन भूमि से संत भी पैदा हुए और ऐतिहासिक युद्ध भी हुए। पुरातत्त्व ज्ञान का यहाँ भंडार है।
  • राज्य में पर्यटकों की रुचि के बहुत से स्थान हैं।
पश्चिम बंगाल पर्यटन

पश्चिम बंगाल के महत्‍वपूर्ण पर्यटन केन्‍द्र हैं कोलकाता, दीघा (मिदनापुरे), बाक्‍ख़ाली सी रिजॉर्ट, सागर द्वीप और सुंदरबन्‍स (साउथ 24 परगना), बंदेल, ताराकेश्‍वर, कमरापुकार (हुगली), गधियारा (हावड़ा), शांति निकेतन और बकरेश्‍वर (बिरभूम), दुर्गापुर (बर्दवान), मुकुटमणिपुर और विष्‍णुपुर (बाकुरा), अयोध्‍या पर्वत (पुरुलिया), मुर्शिदाबाद, गौर, पडुवा (मालदा), दार्जिलिंग, मिरिक, कालीमपोंग, संदाकफू और फलूत तथा कुर्सेयॉग (दार्जिलिंग) जलदापारा और डूअर्स (जलपाईगुड़ी)।

बिहार पर्यटन
मणिपुर पर्यटन
  • मणिपुर में जाने के लिए चाहे वह पर्यटक हो या उनका जन्म यहीं पर हुआ हो, प्रतिबंधित क्षेत्र का परमिट लेना आवश्यक होता है।
  • यह परमिट मुख्य महानगरों में स्थित क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय से मिलता है। यह परमिट दस दिन तक ही वैध होता है।
मध्य प्रदेश पर्यटन

मध्य प्रदेश राज्‍य के प्रमुख आकर्षण हैं।

  1. पंचमढ़ी का अद्भुत सौंदर्य, मध्य प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है।
  2. भेड़ाघाट की चमचमाती संगमरमरी चट्टाने और धुआंधार जलप्रपातों का शोर
  3. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, जहां अनूठे बारसिंगे रहते हैं,
  4. बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान जहां प्रागैतिहासिक गुफाएं और वन्‍य जीवन है।
महाराष्ट्र पर्यटन

महाराष्ट्र के महत्‍वपूर्ण पर्यटन केंद्र है अजंता, एलोरा, एलिफेंटा, कन्हेरी गुफ़ाएँ और कारला गुफाएं, महाबलेश्वर, माथेरान और पंचगनी, जवाहर, मालशेज घाट, अंबोली, चिकलधारा और पन्‍हाला पर्वतीय स्‍थल। पंढरपुर, नाशिक, शिरडी, नांदेड, औधानागनाथ, त्रयंबकेवर, तुलजापुर, गणपतिपुले, भीमशंकर, हरिहरेश्‍वर, शेगाव, कोल्हापुर, जेजुरी तथा अंबजोगई धार्मिक स्‍थान है।

मिज़ोरम पर्यटन
  • समुद्र तल से लगभग 4,000 फुट की उंचाई पर स्थित पर्वतीय नगर आइजोल, मिज़ोरम का एक धार्मिक और सांस्‍कृतिक केंद्र है।
  • म्यांमार की सीमा के निकट चमफाई एक सुंदर पर्यटन स्‍थल है।
  • तामदिल एक प्राकृतिक झील है जहां मनोहारी वन हैं। यह आइजोल से 80 किलोमीटर और पर्यटक स्‍थल सैतुअल से 10 किलोमीटर की दूरी पर है।
मेघालय पर्यटन

मेघालय में बहुत से ऐसे पर्यटन स्‍थल हैं, जहां पर प्रकृति अपने भव्‍य रूप में उपस्थित है। राजधानी शिलांग में भी अनेकसुन्दर स्‍थल हैं। जिनमें वार्डस झील, लेडी हैदरी पार्क, पोलो ग्राउंड, मिनी चिडियाघर, एलीफेंट जलप्रपात, और शिलांग की पर्वत चोटी प्रमुख हैं। शिलांग की पर्वत चोटी से पूरे नगर का दृश्य दिखाई देता है। यहाँ का गोल्‍फ कोर्स देश के अच्छे गोल्‍फ कोर्स मैदानों में से एक है।

राजस्थान पर्यटन

राजस्थान राज्य में पर्यटन के प्रमुख केंद्र हैं: जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, माउंट आबू, अलवर में सरिस्का बाघ विहार, आदि।

सिक्किम पर्यटन

सिक्किम अपने प्राकृतिक हरे-भरे पौधों, जंगलों, दर्शनीय घाटियों और पर्वतमालाओं और भव्य सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के शांतिप्रिय लोगों के कारण से यह प्रदेश पर्यटकों के लिए सुरक्षित स्वर्ग के समान है। राज्य सरकार पर्यावरण से मित्रतापूर्ण पर्यटन तथा तीर्थ पर्यटन को प्रोत्साहन दे रही है, जिससे यहाँ आने वाले लोग सिक्किम की जीवनशैली और प्राकृतिक पर्यटन का आनंद ले सकें। राज्य सरकार दक्षिण सिक्किम में चैमचेय गांव में 'हिमालयन सेंटर फॉर एडवेंचर टूरिज़्म' की स्थापना कर रही है।

हरियाणा पर्यटन

हरियाणा धार्मिक और ऐतिहासिक इमारतों की दृष्टि से समृध्द है। चाहे मामला कुरुक्षेत्र की पवित्र धरती पर श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता का ज्ञान देने का हो, पानीपत की तीन महत्त्वपूर्ण लड़ाइयों का हो या फिर फ़िरोज़शाह तुग़लक़ द्वारा अपनी प्रेमिका गूजरी के लिए बीहड़ बयांबान जंगल में हिसारे-फिरोजां का निर्माण कर उसमें गूजरी महल बनवाने का हो। यहां के कण-कण में इतिहास बोलता है। राज्य में रूरल टूरिज्म को बढ़ावा की एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी है।[१]

हिमाचल प्रदेश पर्यटन

हिमाचल प्रदेश में पर्यटन उद्योग को उच्च प्राथमिकता दी गई है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने विकास के लिए सुनियोजित विकास किया है जिसमें जनोपयोगी सेवाएं, सड़कें, संचार तंत्र, हवाई अड्डे, यातायात सेवाएं, जलापूर्ति और जन स्वास्थ्य सेवाओं को शामिल किया है। राज्य सरकार राज्य को ‘हर हाल में गंतव्य’ का रूप देने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य पर्यटन विकास निगम की आय में 10 प्रतिशत का योगदान करता है। यह निगम बिक्री कर, सुख-सुविधा कर और यात्री कर के रूप में 2 करोड़ वार्षिक आय का योगदान राज्य की आय में करता है। वर्ष 2007 में हिमाचल प्रदेश में 8.3 मिलियन पर्यटक आए जिनमें लगभग 2008 लाख पर्यटक विदेशी थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ख़ान, फ़िरदौस। हरियाणा के ग्रामीण अंचल पर मोहित पर्यटन (हिन्दी) मेरी डायरी। अभिगमन तिथि: 6 जून, 2011

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