ठाकुर जगमोहन सिंह
ठाकुर जगमोहन सिंह
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पूरा नाम | ठाकुर जगमोहन सिंह |
जन्म | 1857 ई. |
जन्म भूमि | विजयराघवगढ़, मध्य प्रदेश |
मृत्यु | 4 मार्च, 1899 ई. |
कर्म भूमि | भारत |
मुख्य रचनाएँ | 'प्रेम सम्पत्ति लता', 'श्यामा लता', 'श्यामा-सरोजिनी' तथा 'श्याम श्वप्न' आदि। |
भाषा | हिन्दी, ब्रजभाषा, संस्कृत |
प्रसिद्धि | साहित्यकार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | जगमोहन सिंह हिन्दी के अतिरिक्त संस्कृत साहित्य के भी अच्छे ज्ञाता थे। उनके समस्त कृतित्व पर संस्कृत अध्ययन की व्यापक छाप है। ब्रजभाषा के कवित्त और सवैया छन्दों में कालिदास कृत 'मेघदूत' का बहुत सुन्दर अनुवाद उन्होंने किया है। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
ठाकुर जगमोहन सिंह (अंग्रेज़ी: Thakur Jagmohan Singh, जन्म- 1857 ई., मध्य प्रदेश; मृत्यु- 4 मार्च, 1899 ई.) प्रसिद्ध साहित्यकार थे। इनका नाम 'भारतेन्दु युग' के सहृदय साहित्य सेवियों में आता है। ये मध्य प्रदेश स्थित विजयराघवगढ़ के राजकुमार और अपने समय के बहुत बड़े विद्यानुरागी थे। आप हिन्दी के अतिरिक्त संस्कृत साहित्य के भी अच्छे ज्ञाता थे। इनके समस्त कृतित्व पर संस्कृत अध्ययन की व्यापक छाप है। जगमोहन सिंह ने ब्रजभाषा के कवित्त और सवैया छन्दों में कालिदास कृत 'मेघदूत' का बहुत सुन्दर अनुवाद भी किया है।
जन्म तथा शिक्षा
ठाकुर जगमोहन सिंह का जन्म श्रावण शुक्ल चतुर्दशी, संवत 1914 (1857 ई.) को हुआ था। वे विजयराघवगढ़, मध्य प्रदेश के राजकुमार थे। अपनी शिक्षा के लिए काशी आने पर उनका परिचय भारतेंदु हरिश्चंद्र और उनकी मंडली से हुआ। हिन्दी के अतिरिक्त वे संस्कृत और अंग्रेज़ी साहित्य की भी अच्छी जानकारी रखते थे।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 1.3 हिन्दी साहित्य कोश, भाग 2 |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |संपादन: डॉ. धीरेंद्र वर्मा |पृष्ठ संख्या: 202 |
- ↑ 'हिन्दी साहित्य का इतिहास', संशोधित संस्करण, काशी, 1948 ई., पृ. 474, 580