कृष्ण कुण्ड, नन्दगाँव  

कृष्ण कुण्ड, नन्दगाँव
विवरण यह नन्दगाँव के जावट ग्राम के दक्षिण में स्थित है। यह राधा कृष्ण के क्रीड़ा-विलास के लिए प्रसिद्ध है।
राज्य उत्तर प्रदेश
ज़िला मथुरा
प्रसिद्धि हिन्दू धार्मिक स्थल
कब जाएँ कभी भी
बस, कार, ऑटो आदि
क्या देखें नन्दगाँव, नन्द जी मंदिर, जटिला की हवेली, बरसाना, लट्ठमार होली, नंदकुण्ड, पानिहारी कुण्ड , नंद बैठक आदि।
एस.टी.डी. कोड 05622
संबंधित लेख नंदगाँव, कृष्ण, राधा, वृषभानु, जटिला, ललिता सखी, विशाखा सखी, वृन्दावन, मथुरा, गोवर्धन, आदि।


अन्य जानकारी जावट गाँव के पश्चिम भाग में ऊँचे टीले पर जटिला की हवेली है इसमें जटिला, कुटिला और अभिमन्यु की मूर्तियाँ हैं। अब यहाँ पर वर्तमान समय में श्रीराधाकान्त जी का मन्दिर है, जिसमें राधा एवं कृष्ण के दर्शन हैं।
अद्यतन‎

कृष्ण कुण्ड- सघन वटवृक्षों से परिवेष्टित यह स्थान राधा-कृष्ण युगल के नाना प्रकार की क्रीड़ा-विलास को अपने अंक में छिपाकर अवस्थित है। यह कुण्ड गाँव के दक्षिण में स्थित है।

प्रसंग

एक समय इस सघन वट वृक्षों के नीचे श्रीकृष्ण, सहेलियों के साथ राधिका के संग में झूला-झूलने के लिए पधारे। सखियाँ कुछ विलम्ब से पहुँची। रसिक कृष्ण को कुछ कौतुक सूझा। सखियों की प्रतीक्षा किये बिना आज स्वयं ही एक वृक्ष की डाल में झूला डाल दिया और राधिका जी को झूले पर पधारने के लिए निवेदन किया। किन्तु झूला कुछ ऊँचा होने के कारण वे उस पर चढ़ नहीं सकीं। कृष्ण ने अपनी दोनों भुजाओं से राधिका को उठाकर झूले पर पधाराने के बहाने अपने अंक में भर लिया। इस प्रकार हिंडोलोत्सव से पूर्व ही युवयुगल रस हिलोरों में लहराने लगे। इसी समय पीछे से हँसती-खिलखिलाती सखियाँ भी इस हिडोलोत्सव में सम्मिलित होकर रस में सराबोर हो गयीं।



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