बटस्वामीतीर्थ मथुरा  

  • यहाँ भी सूर्यदेव भगवान् नारायण की आराधना करते हैं। सूर्यदेव ही एक नाम बटस्वामी भी है। रविवार के दिन इस तीर्थ में श्रद्धापूर्वक स्नान करने से मनुष्य आरोग्य एवं ऐश्वर्य लाभकर अन्त में परम गति को प्राप्त करता है।

तत: पर वटस्वामी तीर्थानां तीर्थमुत्तमम् ।

वटस्वामीति विख्यातो यत्र देवो दिवाकर: ।।
तत्तीर्थं चैव यो भक्त्या रविवारे निषेवते ।

प्राप्नोत्यारोग्यमैश्वर्य्यमन्ते च गतिमुत्तमाम् ।।[१]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सौर पुराण

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=बटस्वामीतीर्थ_मथुरा&oldid=140694" से लिया गया