आँखे तरेरना  

आँखे तरेरना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- आँखों से क्रोध प्रदर्शित करना।

प्रयोग- छोटी ने आँखें तरेरकर कहा-क्या ससुराल जाना है जो पाँचों पोशाक लाई हो। - (प्रेमचंद)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=आँखे_तरेरना&oldid=624296" से लिया गया