मुँह चढ़ा  

मुँह चढ़ा एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- जिसकी उद्दंडता लोग सहन कर लेते हों, लाडला, दुलारा।

प्रयोग- जब धीरे-धीरे रोम का राज्य दूर-दूर तक फैल गया, तब लातिन ही सबकी मुँह चढ़ी हो गई। (सीताराम चतुर्वेदी)

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=मुँह_चढ़ा&oldid=626390" से लिया गया