कहावत लोकोक्ति मुहावरे
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अर्थ
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1- बुद्ध वृहस्पति दो भले, शुक्र न भला बखा… रवि, मंगल बोनी करे, द्वार न आवे धान॥
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अर्थ - धान की बुवाई हेतु बुद्ध और गुरु शुभ दिन हैं। शुक्र अशुभ है। अगर रविवार और मंगल को धान बोया जाएगा तो उपज नहीं के समान होगी ऐसा लोकमत है।
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2- बिल्ली के भागों छींका टूटा।
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अर्थ - जैसा व्यक्ति चाहे, वैसा ही हो जाये।
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3- बिन माँगे मोती मिलें, माँगे मिले न भीख।
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अर्थ - सौभाग्य से कोई अच्छी चीज़ अपने –आप मिल जाती है और दुर्भाग्य से घटिया चीज़ प्रयत्न करने पर भी नहीं मिलती।
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4- बंदर घुड़की / भभकी।
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अर्थ - प्रभावहीन धमकी।
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5- बखिया उधेड़ना।
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अर्थ - भेद खोलना।
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6- बच्चों का खेल।
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अर्थ - सरल काम ।
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7- बछिया का ताऊ।
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अर्थ - मूर्ख! कुछ समझते भी हो या नहीं।
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8- बट्टा लगना।
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अर्थ - कलंक लगना।
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9- बड़े घर की हवा खाना।
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अर्थ - जेल जाना।
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10- बत्ती सी खिलना।
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अर्थ - हँसी आना।
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11- बत्तीसी बंद होना।
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अर्थ - चुप हो जाना।
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12- बरस पड़ना।
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अर्थ - अति क्रुद्ध होकर डाँटना।
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13- बल्लियों / बासों उछलना।
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अर्थ - बहुत खुश होना।
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14- बाएँ हाथ का खेल।
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अर्थ - अति सरल कार्य।
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15- बुरे दिनन के फेर से सुमेरू होत माटी को।
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अर्थ - जब बुरे दिन आते हैं तो सोना भी मिट्टी की कीमत का हो जाता है।
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16- बाछें खिल जाना।
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अर्थ - अत्यन्त प्रसन्न होना।
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17- बाज़ार गर्म होना।
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अर्थ - तेज़ीहोना।
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18- बात का धनी होना।
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अर्थ - वचन का पक्का होना।
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19- बात की बाम में।
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अर्थ - तुरंत बात की बात में ।
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20- बात तक न पूछना।
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अर्थ - आदर न करना।
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21- बाल की खाल उतारना।
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अर्थ - अनावश्यक विवाद करना।
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22- बाल बाँका न कर सकना।
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अर्थ - कुछ भी हानि न पहुँचा सकना।
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23- बालू से तेल निकालना।
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अर्थ - असम्भव को सम्भव करना।
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24- बासी कढी में उबाल आना।
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अर्थ - उचित समय के पश्चात् इच्छा जागना।
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25- बिल्ली के गले में घंटी बाँधना।
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अर्थ - अपने को संकट में डालना।
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26- बेपेंदी का लोटा।
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अर्थ - ढुलमुल कोशिश / अस्थिर विचारों वाला।
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27- बेसिर पैर की हाँकना।
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अर्थ- ऊलजलूल बातें करना
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28- बंटाढार होना।
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अर्थ- चौपट या नष्ट होना।
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29- बंद मुटठी खुलना/खुल जाना।
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अर्थ- छिपी बात सामने आ जाना, रहस्य प्रकट हो जाना।
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30- बंदगी बजाना।
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अर्थ- सलान करना।
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31- बंदर बाँट।
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अर्थ- बाँटने का वह ढंग या रीति जिसमें मध्यस्थ ही सब-कुछ खा जाता हो और संबद्ध व्यक्तियों के पल्ले कुछ न पड़ता हो।
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32- बंदूक की नोक पर।
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अर्थ- मार डालने की धमकी देते हुए।
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33- बंधन ढीले होना।
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अर्थ- अंग शिथिल पड़ना।
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34- बँधा बँधाया
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अर्थ- पूर्ण रूप से निश्चित और सीमित।
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35- बखिया उधेड़ना/उधेड़ देना।
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अर्थ- रहस्य खोलना।
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36- बगल गरम करना।
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अर्थ- सहवास करना।
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37- बगल में दबाए रखना।
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अर्थ- अधीन रखना।
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38- बगल से।
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अर्थ- पड़ोसी के यहाँ से।
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39- बगलें झाँकना।
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अर्थ- फँस जाने पर इधर-उधर से निकल भागने के लिए राह खोजना।
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40- बगलें बजाना।
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अर्थ- बहुत प्रसन्नता प्रकट करना।
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41- बचकर रहना।
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अर्थ- पकड़े जाने से बचने के विचार से दूर रहना अथवा सावधान रहना।
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42- बचन डालना।
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अर्थ- याचना करना।
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43- बच्चा/बच्चे गिराना।
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अर्थ- गर्भपात कराना।
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44- बझा रहना।
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अर्थ- बँधा या फँसा रहना, व्यस्थ रहना।
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45- बटन दबाना/दबा देना।
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अर्थ- कोई काम आरम्भ करना।
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46- बिगाड़ न सकना।
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अर्थ- अहित न कर पाना।
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47- बिजली गिरना।
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अर्थ- घोर विपत्ति आना।
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48- बिजली की तरह कड़कना।
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अर्थ- रोष पूर्वक बिगड़ना।
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49- बिजली दौड़ जाना।
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अर्थ- बिजली के जैसा आघात लगना।
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50- बिदकने लगना।
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अर्थ- उपेक्षा पूर्वक पीछे हटना।
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51- बिन आई मारा जाना।
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अर्थ- असमय ही मृत्यु होना।
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52- बिन कौड़ी का गुलाम।
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अर्थ- ऐसा सेवक जिसे कुछ भी पारिश्रमिक न देना पड़ता हो।
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53- बिना एक भी दाना मुँह में डाले।
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अर्थ- बिल्कुल भूखे, बिना कुछ भी खाए।
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54- बिना तिलक का राजा।
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अर्थ- ऐसा व्यक्ति जो राजा तो न हो परंतु जिसका सम्मान राजा जैसा हो।
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55- बिना सिर पैर का।
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अर्थ- अर्थहीन, निरर्थक।
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56- बिल ढूँढ़ते फिरना।
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अर्थ- अपने बचाव या छिपने के लिए जगह खोजने में लगे होना।
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57- बिल्ली के गले में घंटी बाँधना।
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अर्थ- कोई असम्भव काम करने का प्रयत्न करना।
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58- बिल्ली के भाग से छींका टूटना।
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अर्थ- अचानक भाग्यवश कुछ बड़ा लाभ होना।
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59- बिस्तर बाँधना/बाँध लेना बिस्तर लपेटना/लपेट लेना।
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अर्थ- साज समान के साथ चलने को तैयार होना।
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60- बिस्तर से लगना।
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अर्थ- बीमारी के कारण बिस्तर पर पड़ जाना।
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61- बिस्मिल्ला करना।
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अर्थ- किसी कार्य की शुरूआत करना।
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62- बीच की दीवार टूट जाना।
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अर्थ- अलगाव करने वाली बात या तत्व का न रह जाना।
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63- बीच में कूदना।
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अर्थ- अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप करना, व्यर्थ टाँग अड़ाना, झगड़ा निपटाने के लिए मध्यस्थ बनना या होना।
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64- बीच सड़क पर।
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अर्थ- खुले आम।
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65- बीछी मारना।
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अर्थ- बिच्छू का अपने डंक से किसी पर आघात करना, बिच्छू का काटना।
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66- बीज फूटना।
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अर्थ- अंकुरित होना, निकलना, शुरूआत होना, पनपना।
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67- बीड़ा उठाना।
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अर्थ- कोई महत्वपूर्ण या जोखिम भरा काम करने का उत्तरदात्वि अपने ऊपर लेना।
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68- बीड़ा डालना।
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अर्थ- कोई कठिन काम करने के लिए सभा में लोगों के सामने पान का बीड़ा रखकर यह कहना कि जो इस काम का भार अपने ऊपर लेना चाहता हो, वह यह बीड़ा उठा ले।
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69- बीता हुआ।
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अर्थ- जो ख़त्म हो चुका हो, जो गुज़र गया हो।
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70- बीस उन्नीस।
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अर्थ- अधिक कम, कुछ बढ़कर कुछ घटकर।
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71- बुख़ार उतारना।
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अर्थ- गुस्सा उतारना।
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72- बुख़ार चढ़ जाना।
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अर्थ- एकदम घबरा तथा आग बबूला हो जाना।
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73- बुझकर रह जाना।
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अर्थ- हतप्रभ या लज्जित हो जाना।
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74- बुझी आँखों से देखना।
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अर्थ- दु:ख अथवा कातरता से इस प्रकार देखना मानो आँखों को देखने की शक्ति क्षीण हो गई हो।
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75- बुत बनना/बन जाना।
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अर्थ- मुँह से आवाज़ तक न निकलना, चुप रहना।
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76- बुत होना/हो जाना।
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अर्थ- निश्चेष्ट हो जाना।
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77- बुरा बनना/बन जाना।
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अर्थ- ऐसी बात कहना जिससे दूसरे का कोप सहना पड़े।
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78- बुरा मानना/मान जाना।
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अर्थ- नाराज़ होना, अप्रसन्नता व्यक्त करना।
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79- बुरा लगना।
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अर्थ- अप्रिय और अहितकर प्रतीत होना।
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80- बुरा हाल करना/कर देना।
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अर्थ- दुर्दशा करना।
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81- बुरे दिन देखना।
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अर्थ- कष्ट पूर्ण जीवन बिताना।
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82-बुलावा आना/आ जाना।
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अर्थ- बुलाया जाना, निमंत्रण मिलना।
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83- बूँदें गिरना।
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अर्थ- हलकी वर्षा होना।
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84- बूते पर।
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अर्थ- बल पर।
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85- बेंत का प्रयोग करना।
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अर्थ- बेंत से मारना।
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86- बेगार टालना।
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बिना चित्त लगाए कोई काम यों ही चलता करना, पीछा छुड़ाने के लिए कोई काम जैसे-तैसे पूरा करना।
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87- बेच खाना।
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अर्थ- पूरी तरह से रहित, वंचित या हीन हो जाना।
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88- बेड़ा डूबना।
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अर्थ- विपत्ति में पड़कर पूर्ण रूप से विनष्ट होना।
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89- बेड़ा पार करना/लगाना।
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अर्थ- किसी को संकट से छुड़ाना विपत्ति के समय सहायता करके किसी का काम पूरा कर देना, रक्षा करना।
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90- बेड़ा पार लगना/होना।
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अर्थ- झंझटों, संकटों आदि से पूरा छुटकारा होना।
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91- बेताब होना।
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अर्थ- उतावला या व्यग्र होना।
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92- बेतुकी हाँकना।
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अर्थ- बेढंगी बात करना, ऐसी बात कहना जिसका कोई सिर पैर न हो।
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93- बे ते करना।
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अर्थ- अशिष्टता या उंद्दतापूर्वक बातें करना।
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94- बेनकाब करना/कर देना।
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अर्थ- छदमवेश का परदा हटाकर वास्त विकता सामने लाना।
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95- बेनकाब होना।
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अर्थ- खुलकर सामने आना, प्रकट होना।
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96- बेपर की उड़ाना।
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अर्थ- अफ़वाहें फैलाना, निराधार बातें चारो ओर करते फिरना।
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97-बेपेंदी का लोटा।
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अर्थ- विचारों में ढुलमुल, किसी बात पर दृढ़ न रहने वाला।
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98- बेभाव की सुनाना।
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अर्थ- कड़े शब्दो में भर्त्साना करना।
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99- बेमेल लगना।
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अर्थ- अनुरूप या अनुकूल न होना, न जँचना
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100-बेमौत मरना।
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अर्थ- ऐसे घोर संकट में पड़ना जिसमें पूर्ण विनाश दिखाई पड़ता हो।
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101- बेसिर पैर की बात।
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अर्थ- ऐसी बात जो ऊल-जलूल, असंगत और तर्कहीन हो।
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102- बेसुरा राग अलापना।
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अर्थ- बेमौके कोई बात कहना।
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103- बैठ जाना।
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अर्थ- चुनाव में खडे़ प्रत्याशी का मैदान से हट जाना, मकान, दीवार आदि का धँसना या ढह जाना।
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104- बैठे रहना।
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अर्थ- कुछ न करना-धरना।
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105- बैरंग लौटना।
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अर्थ- ख़ाली हाथ लौटना या विफल होकर लौटना।
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106- बैर निकालना।
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अर्थ- बैर के कारण अहित करना।
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107- बैर पड़ना।
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अर्थ- अहित या अपकार करने के लिए पीछे पड़ना।
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108- बैर बढ़ाना।
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अर्थ- बैरी को और अधिक कुपित करने वाले काम करना।
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109- बैर मानना।
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अर्थ- मन में दुर्भाव रखना, बुरा मानना, दुश्मनी रखना।
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110- बैर मोल लेना।
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अर्थ- बेमतलब दूसरे को अपना बैरी बना लेनां
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111- बोझ उठाना।
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अर्थ- कोई कठिन काम करने को उत्तर दायित्व अपने ऊपर लेना।
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112- बोझ उतारना।
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अर्थ- कोई विकट और श्रेमसाध्य काम संपन्न करना या उससे छुटटी पानां
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113- बोतल का काग उड़ना।
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अर्थ- शराब का पिया जाना।
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114- बोतल बोलना।
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अर्थ- शराब के नशे में कोई असामान्य बात कहना।
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115- बोर होना।
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अर्थ- ऊब जाना।
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116- बोल जाना।
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अर्थ- दिवालिया हो जाना, नष्ट हो जाना, मर जाना।
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117- बोल बनाना।
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अर्थ- संगीत में गाने के समय किसी गीत के एक-एक शब्द का अलग-अलग तरह से बहुत ही कोमलता और सुंदस्तापूर्वक नए-नए रूपों में उच्चारण करना।
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118- बोल बाला होना।
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अर्थ- विचार या मत स्थापित और मान्य होना।
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119- बोल मारना।
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अर्थ- किसी को कोई बात अच्छी तरह सुना और समझा देना।
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120- बोल रहना।
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अर्थ- समाज में प्रतिष्ठा बनी रहना।
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121- बोलती बंद होना/बन्द करना।
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निरुत्तर हो जाना, मुँह से शब्द न निकलना।
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122- बोली मारना।
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अर्थ- चिढ़ाने के लिए कोई व्यंग्यपूर्ण बात कहना।
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123- बौखला उठना।
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अर्थ- चिढ़कर बड़बड़ाना।
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124- बौना बना देना।
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अर्थ- महत्त्वहीन सिद्ध कर देना।
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125- बौरा जाना।
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अर्थ-उन्मत या पागल हो जाना, होश खो बैठना।
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126- ब्यौंत निकलना/बैठना।
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अर्थ- युक्ति से व्यवस्था होना।
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127- ब्रेनवाश कर देना।
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अर्थ- किसी व्यक्ति के बिचारों में आमूल परिवर्तन कर देना।
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