सौरमण्डल
ब्रह्माण्ड में वैसे तो कई सौरमण्डल है, लेकिन हमारा सौरमण्डल / सौर परिवार ( Solar System ) सभी से अलग है, जिसका आकार एक तश्तरी जैसा है। हमारे सौरमण्डल में सूर्य और वे सभी खगोलीय पिंड जो सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं, सम्मलित हैं, जो एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हैं। कॉपरनिकस ने सबसे पहले यह सिद्धांत दिया था कि सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं। सौरमण्डल में सूर्य का आकार सब से बड़ा है जिसका प्रभुत्व है, क्योंकि सौरमण्डल निकाय के द्रव्य का लगभग 99.999 द्रव्य सूर्य में निहित है। सौरमण्डल के समस्त ऊर्जा का स्रोत भी सूर्य ही है। सौरमण्डल के केन्द्र में सूर्य है तथा सबसे बाहरी सीमा पर नेप्च्युन ग्रह है। नेपच्युन के परे प्लूटो जैसे बौने ग्रहो के अलावा धूमकेतु भी आते हैं।
ग्रहों के नाम | भूमध्यरेखीय व्यास (कि.मी.) | ग्रहों का द्रव्यमान (कि.मी.) | परिभ्रमण समय अपने अक्ष पर | परिक्रमण समय सूर्य के चारों ओर | उपग्रहों की संख्या | सूर्य से दूरी (कि.मी.) |
---|---|---|---|---|---|---|
बुध | 4,878 | 57910 | 58.6 दिन | 88 दिन | 0 | 2439 |
शुक्र | 12,102 | 108200 | 243 दिन | 224.7 दिन | 0 | 6052 |
पृथ्वी | 12,756-12,714 | 149600 | 23.9 घंटे | 365.26 दिन | 1 | 6378 |
मंगल | 6,787 | 227940 | 24.6 घंटे | 687 दिन | 2 | 3397 |
बृहस्पति | 1,42,800 | 1.90e27 | 9.9 घंटे | 11.9 वर्ष | 28 | 71492 |
शनि | 1,20,500 | 1426940 | 10.3 घंटे | 29.5 वर्ष | 30 | 60268 |
वरुण (यूरेनस) | 51,400 | 25559 | 16.2 घंटे | 84.0 वर्ष | 21 | 2870990 |
अरुण (नेप्च्यून) | 48,600 | 1.02e26 | 18.5 घंटे | 164.8 घंटे | 8 | 4497070 |
यम (प्लूटो) [1] | 3,000 | 1160 | 6 दिन और 9.3 घंटे | 248.6 वर्ष | 1 | 5913520 |
सूर्य (Sun)
सूर्य सौरमण्डल का प्रधान है और इसके केंद्र में स्थित एक तारा है। सूर्य का व्यास 13 लाख 92 हज़ार किलोमीटर है, जो पृथ्वी के व्यास का लगभग 110 गुना है। सूर्य पृथ्वी से 13 लाख गुना बड़ा है, और पृथ्वी को सूर्यताप का 2 अरब वाँ भाग मिलता है। पृथ्वी से सूर्य की दूरी 149 लाख कि.मी है. सूर्य प्रकाश को पृथ्वी में आने में 8 मिनिट 18 सेकंड लगते हैं। सूर्य से दिखाई देने वाली सतह को "प्रकाश मंडल" कहते है. सूर्य कि सतह का तापमान 6000 डिग्री सेल्सिअस होता है. इसकी आकर्षण शक्ति पृथ्वी से 28 गुना ज़्यादा है। परिमंडल (Corona) सूर्य ग्रहण के समय दिखाई देने वाली उपरी सतह है.. इसे सूर्य मुकुट भी कहते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 24 अगस्त, 2006 से ग्रह का दर्जा समाप्त
- ↑ पाताल का देवता और मौत का नाविक (हिन्दी) (पी.एच.पी) अंतरिक्ष। अभिगमन तिथि: 7 फ़रवरी, 2011।
- ↑ सूरज के बौने बेटे : क्षुद्रग्रह (हिन्दी) (पी.एच.पी) सौरमंडल। अभिगमन तिथि: 18 फ़रवरी, 2011।