मैकमोहन रेखा  

मैकमोहन रेखा ग्रेट ब्रिटेन और तिब्बत के बीच हुए 'शिमला सम्मेलन' (अक्टूबर, 1913-जुलाई, 1914) की समाप्ति पर निर्धारित तिब्बत और ब्रिटिश भारत के बीच की सीमांत रेखा, जिसका नाम ब्रिटिश वार्ताकार सर हेनरी मैकमोहन के नाम पर पड़ा।

  • यह रेखा भूटान की पूर्वी सीमा से हिमालय की श्रृंखला से होती हुई ब्रह्मपुत्र नदी के बड़े मोड़ तक पहुँचती है, जहाँ से यह नदी अपनी तिब्बतीय जलधारा से निकलकर असम की घाटी में प्रवेश करती है।
  • चीनी गणराज्य के प्रतिनिधियों ने भी 'शिमला समझौते' में भाग लिया था, लेकिन उन्होंने इस आधार पर तिब्बत के दर्जे एवं सीमाओं के बारे में मुख्य समझौते पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया कि तिब्बत चीन के अधीन है और उसे सन्धि करने का अधिकार नहीं है।
  • स्वतंत्र भारत के साथ सीमा विवाद के कारण 1962 के अक्टूबर-नवम्बर में भारत-चीन युद्ध तक चीन इस रवैये पर क़ायम रहा। इस लड़ाई में चीनी सेनाओं ने मैकमोहन रेखा के दक्षिण में भारतीय इलाके पर क़ब्ज़ा कर लिया, लेकिन बाद में युद्ध विराम के बाद वह हट गई।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=मैकमोहन_रेखा&oldid=656563" से लिया गया