साहवा  

साहवा (अंग्रेज़ी: Sahawa) राजस्थान के अंतर्गत चुरू जिले की तारानगर तहसील का एक गाँव है। साहवा की महानता के साथ यहाँ का ऐतिहासिक तालाब, जोगीआसन एंव गुरुद्वारा जुड़े हैं। तालाब पर गुरु गोविन्द सिंह का आगमन जहाँ इतिहास सम्पत है, वहीं पीपल की प्राचीनता एंव तालाब की प्राचीन दीवारों का निर्माण भी 500 वर्ष पूर्व का है।

  • नीले आकाश के नीचे, बालू रेत से आवृत बड़े-बड़े टीले मानसून के साथ संलग्न भाग्य की रेखाएं, गर्मी में अधिक गर्म और शीत में ठिठुरन भरे जीवन से जुड़ा साहवा चूरू जिले के अंतिम छोर पर स्थित है।
  • साहवा देव मंदिरों पर धर्म ध्वजा, गुरुद्वारों से गूंजती गुरुवाणियाँ, मस्जिदों से अजान के स्वर, धर्म सहिष्णुता एंव भ्रातृत्व की असीम गहराई में डूबा हुआगाँव है।
  • अति प्राचीन यह भूभाग अनंत लहरों से भरे समुद्र में डूबा हुआ था। भौगोलिक परिवर्तनों के बाद, सिन्धु, सरस्वती व कुलटा आदि वैदिक नदियों से घिरा रहा।
  • रामायण का मरुकान्तर, महाभारत की कुरु जांगल व प्रवीण शाम्ब पांडिया का यह छाया क्षेत्र है।
  • मालदेव के सेनापति कूंचा एंव जैतसिंह के मध्य साहवा में भयंकर युद्ध हुआ था। युद्ध की साक्षी रही यह पावन धरा जिस पर अंतिम युद्ध कांधल व सारंग खान के मध्य हुआ।


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