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नाटक-चन्द्रिका  

  • नाटक चन्द्रिका में नाटक रचना सम्बन्धी नियमावली लिपी बद्ध की गयी है। पर भरत मुनि के मत से रूपगोस्वामी का मत भिन्न होने के कारण इसमें साहित्य-दर्पण का मत नहीं ग्रहण किया गया है।


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