जो मनुष्य कर्म में अकर्म देखता है और जो अकर्म में कर्म देखता है, वह मनुष्यों में बुद्धिमान है और वह योगी समस्त कर्मों को करने वाला है ।।18।।
|
He who sees inaction-xhr in action-xhr, and action-xhr in inaction-xhr, is wise among men; he is a yogi, who has perspan ed all action-xhr.(18)
|