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*वर्ष 2005-06 में राज्‍य में कुल 4499.82 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग थे।  
 
*वर्ष 2005-06 में राज्‍य में कुल 4499.82 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग थे।  
 
*राज्‍य के प्रमुख रेलवे जंक्‍शन हैं : [[हावड़ा]], [[आसनसोल]], [[सियालदह]], बंडिल, [[वर्दमान]], [[खड़गपुर]] तथा [[जलपाईगुडी]]।
 
*राज्‍य के प्रमुख रेलवे जंक्‍शन हैं : [[हावड़ा]], [[आसनसोल]], [[सियालदह]], बंडिल, [[वर्दमान]], [[खड़गपुर]] तथा [[जलपाईगुडी]]।
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*विश्व का सबसे लम्बा रेलवे स्टेशन खड़गपुर में स्थित है, जिसकी लम्बाई 833 मी है।
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==त्‍योहार==
 
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दुर्गा पूजा सबसे महत्‍वपूर्ण त्‍योहार है इसके अतिरिक्त काली पूजा, सरस्वती पूजा, दीपावली। वसंत पंचमी, लक्ष्‍मी पूजा, होली, शिवरात्रि, जन्‍माष्‍टमी, ईद, क्रिसमस आदि त्योहार भी मनाये जाते हैं।  बंगाल में आयोजित होने वाले मेलों में गंगासागर मेला, केंदोली मेला, जालपेश मेला, राश मेला तथा पौष मेला प्रमुख हैं।
 
दुर्गा पूजा सबसे महत्‍वपूर्ण त्‍योहार है इसके अतिरिक्त काली पूजा, सरस्वती पूजा, दीपावली। वसंत पंचमी, लक्ष्‍मी पूजा, होली, शिवरात्रि, जन्‍माष्‍टमी, ईद, क्रिसमस आदि त्योहार भी मनाये जाते हैं।  बंगाल में आयोजित होने वाले मेलों में गंगासागर मेला, केंदोली मेला, जालपेश मेला, राश मेला तथा पौष मेला प्रमुख हैं।

१२:२९, १ जून २०१० का अवतरण

इतिहास और भूगोल

भारत के प्रागैतिहासिक काल के इतिहास में बंगाल का विशिष्‍ट स्‍थान है। सिकंदर के आक्रमण के समय बंगाल में 'गंगारिदयी' नामक साम्राज्‍य था। गुप्‍त तथा मौर्य सम्राटों का बंगाल पर विशेष प्रभाव नहीं पडा। बाद में 'शशांक' बंगाल प्रदेश का नरेश बना। ऐसा कहा जाता है कि उसने सातवीं शताब्‍दी के पूर्वार्द्ध में उत्तर-पूर्वी भारत में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। उसके बाद 'गोपाल' ने सत्‍ता संभाली और पाल राजवंश की स्‍थापना की। पाल शासकों ने विशाल साम्राज्‍य का निर्माण किया और लगभग चार शताब्दियों तक राज्‍य किया। पाल शासकों के बाद बंगाल पर सेन राजवंश का अधिकार हुआ, जिन्हें बाद में दिल्ली के मुस्लिम शासकों ने परास्‍त किया। सोलहवीं शताब्‍दी में मुग़ल काल से पहले ही बंगाल पर अनेक मुस्लिम राजाओं और सुल्तानों ने शासन किया।

मुग़लों के पश्‍चात आधुनिक बंगाल का इतिहास यूरोपीय तथा अंग्रेजी व्‍यापारिक कंपनियों के आगमन से आरंभ होता है। सन 1757 में प्लासी का युद्ध ने इतिहास की धारा को मोड़ दिया जब अंग्रेजों ने पहली बार बंगाल और भारत में अपने पांव जमाए। सन 1905 में राजनीतिक लाभ के लिए अंग्रेजों ने बंगाल का विभाजन कर दिया लेकिन कांग्रेस के नेतृत्‍व में लोगों के बढ़ते हुए आक्रोश को देखते हुए 1911 में बंगाल को फिर से एक कर दिया गया। इससे स्‍वतंत्रता आंदोलन की ज्‍वाला और तेजी से भड़क उठी, जिसका पटाक्षेप 1947 में देश की आजादी और विभाजन के साथ हुआ।

1947 के बाद देशी रियासतों के विलय का काम प्रारम्भ हुआ और राज्‍य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की सिफारिशों के अनुसार पड़ोसी राज्‍यों के कुछ बांग्‍लाभाषी क्षेत्रों का पश्चिम बंगाल में विलय कर दिया गया।

पश्चिम बंगाल राज्‍य के पूर्व में बांग्लादेश, पश्चिम में नेपाल, उत्तर-पूर्व में भूटान, उत्तर में सिक्किम, पश्चिम में बिहार, झारखंड, दक्षिण-पश्चिम में उड़ीसा तथा दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है।

कृषि

राज्‍य की आर्थिक व्यवस्था में कृषि की महत्‍वपूर्ण भूमिका है। राज्‍य के चार में से तीन व्‍यक्ति प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष रूप से कृषि कार्यों में लगे हैं। वर्ष 2006-07 में राज्‍य में कुल खाद्य उत्‍पादन 15820 हजार टन था‍ जिसमें से चावल का उत्‍पादन 14745.9 हजार टन, गेहूं और दलहनों का उत्‍पादन क्रमश: 799.9 हजार टन और 154.4 हजार टन रहा। इसी अवधि में तिलहनों का उत्‍पादन 645.4 हजार टन और आलू का 5052 हजार टन हुआ। 2006-07 में पटसन का उत्‍पादन 8411.5 हजार गांठें रहा।

उद्योग

वर्ष 2007 में, उपलब्‍ध आंकड़ों के अनुसार 3677.51 करोड़ रुपए की निवेश वाली 96 परियोजनाएं शुरू की गईं। इसके अतिरिक्त हलदिया पेट्रो केमिकल्‍स की 34 अधोगामी परियोजनाओं में 160.15 करोड़ रु. का निवेश किया गया है और इस प्रकार कुल निवेश 3837.66 करोड़ रु. हो गया है। यह अपेक्षित है कि 150 यूनिट की कुल संख्‍या के साथ 4014.84 करोड़ रु. का कुल निवेश 2007 के अंत तक राज्‍य में कार्यान्वित किया जाएगा और कार्यान्वित परियोजनाओं की पूरी जानकारी उपलब्‍ध होगी।

पश्चिम बंगाल राज्‍य में 2007 के दौरान कार्यान्वित सबसे महत्‍वपूर्ण परियोजना

  • जय बालाजी इंडस्‍ट्री लि. द्वारा 153.73 करोड़ रु. की केप्टिव विद्युत संयंत्र परियोजना है जो समेकित इस्‍पात संयंत्र है। *हुगली मेट कोप और विद्युत कंपनी लि., 140 करोड़ रु. की लागत से मैट नर्जिकल कोक एण्‍ड पावर प्‍लांट,
  • अम्बुजा सीमेंट लि.,
  • 165 करोड़ रु. की विशाल विस्‍तार परियोजना, फरक्‍का, मुर्शिदाबाद और आई॰ओ॰सी॰एल॰ 154.36 करोड़ रु. वाली विस्‍तार परियोजना पूर्वी मेदिनीपुर में की जानी है। छोटे इस्‍पात संयंत्र, स्‍पंज आयरन, ढ़लाई वाला पिग आयरन आदि में भारी निवेश किया गया है। बिजली की आसानी से उपलब्धता, मालभाड़ा साम्‍यता को हटाने, उद्योग के लिए प्राकृतिक संसाधनों के पास स्थित होने तथा श्रमिक बल के पारंपरिक रूप से लौह और इस्‍पात इकाइयों में दक्षता पाए जाने के कारण इस क्षेत्र के निवेश में वृद्धि हुई है। हाल के वर्षों में सीमेंट उद्योग में निवेश भी बढ़ गया है।

समेकित जनवरी से अगस्‍त 2007 के दौरान 34 हलदिया पेट्रो केमिकल्‍स लि. अधोगामी इ‍काइयों में 160.15 करोड़ रु. का निवेश किया गया है। ये इकाइयां अधिकांशत: निर्माण प्‍लास्टिक मदों में संलग्‍न हैं जैसे- बाल्टियां पात्र, मोल्‍डीड फर्नीचर, बैटरी के पात्र, नायलॉन की जालियां, घरेलू सामान आदि।

पश्चिम बंगाल राज्‍य सरकार ने ऑटो मोबाइल क्षेत्र में भी सशक्‍त अवसर दे रखे हैं। इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए विशिष्‍ट नीतिगत कार्यक्रमों को लागू किया गया है। टाटा मोटर्स लि. की छोटी कार परियोजना 2.50 लाख कार प्रतिवर्ष की योजनाबद्ध क्षमता के साथ पहले ही कार्यान्‍वयन अधीन है। (नैनो की परियोजना गुजरात ले आने के फैसले के साथ पश्चिम बंगाल में टाटा समूह के निराशाजनक अनुभवों का दौर खत्म हो गया। फैसला करने में गुजरात सरकार की तेजी का लोहा टाटा ने मान लिया गया है। नरेंद मोदी सरकार कुछ ही दिनों में जमीन सौंपने को तैयार है। नेनो परियोजना )

पश्चिम बंगाल में किए गए कुल निवेश में से अधिकतम निवेश इस्‍पात और विद्युत क्षेत्र में होगा। राज्‍य में उच्‍च सम्भावना निवेशक सेल ने कुलटी, बनपुर और दुर्गापुर में इस्‍पात उत्‍पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए 20,000 करोड़ रु. के निवेश की योजना घोषित की है। इसके बाद एल एण्‍ड टी पावर डेवलपमेंट का स्‍थान है, जिसमें विद्युत उत्‍पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए हलदिया में 20,000 करोड़ रु. की योजना बनाई है।

राज्‍य सरकार ने औद्योगिक निवेश द्वारा तीव्र आर्थिक विकास की आवश्यता को पहचाना है। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश और इस क्षेत्र में राष्‍ट्रीय वृद्धि 30 प्रतिशत की तुलना में निर्यात की वृद्धि में 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोलकाता में लगभग 45000 व्‍यावसायिकों को शामिल करते हुए 250 सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाओं की कंपनियां कार्यरत थीं। सॉल्‍ट लेक के सेक्‍टर 5 में सूचना प्रौद्योगिकी केन्‍द्र भारत का प्रथमपूर्णत: समेकित इलेक्‍ट्रॉनिक कॉम्‍प्‍लेक्‍स है जो हवाई अड्डे के पास प्रदूषण मुक्‍त 150 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है।

बिजली और सिंचाई

राज्‍य में बड़ी एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है। राज्‍य में इस समय 'तीस्‍त बैराज परियोजना' और 'सुवर्णरेखा बैराज परियोजना' पर काम चल रहा है। इसके कारण दसवीं परियोजना में 51.475 हजार हेक्‍टेयर सिंचाई क्षमता प्राप्त की जा सकी। 11वीं योजना का लक्ष्‍य 210 हजार हेक्‍टेयर सिंचाई का सृजन करना है। कुल 1,38,520 हेक्‍टेयर की संचित सिंचाई 2006-07 तक तिस्‍ता बैराज परियोजना में बनाई गई है जो 5,27,000 हेक्‍टेयर है। 'सुबाम रेखा बैराज परियोजना में ख़रीफ की 99248 हेक्‍टेयर तथा रबी की 30,766 हेक्‍टेयर भूमि की सिंचाई की पूर्वी और पश्चिमी मैदनीपुर ज़िलों में योजना है।

पुरुलिया ज़िले में मध्‍यम 32 सिंचाई योजनाओं में से 25 सिंचाई योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। राज्‍य में अंतिम लघु सिंचाई 44.34 लाख हेक्‍टेयर आंकी गई है, जिसमें से 31.34 लाख हेक्‍टेयर भूमि भूजल संसाधनों तथा 13.00 लाख हेक्‍टेयर भूमि सतही जल संसाधनों से संचित की जानी है। वर्ष 2006-07 तक 38.64 लाख हेक्‍टेयर लघु सिंचाई की योजना बनायी गयी है, जिसमें से 81.96 प्रतिशत का उपयोग वर्ष के अंतर्गत 31.67 लाख हेक्‍टेयर में किया जा सकेगा।

पश्चिम बंगाल में इस समय 'पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम लिमिटेड', 'पश्चिम बंगाल राज्‍य बिजली बोर्ड', 'कोलकाता विद्युत आपूर्ति निगम', 'दुर्गापुर परियोजना लि.', 'दिशेरगढ़ विद्युत आपूर्ति निगम' इत्‍यादि द्वारा बिजली का उत्‍पादन किया जाता है। वर्ष 2007-08 के दौरान राज्‍य में (अप्रॅल से नवम्‍बर) तक कुल 21926.2 मिलियन यूनिट बिजली का उत्‍पादन किया गया। वर्ष 2007-08 के अंतर्गत (नवंबर 2007 तक) कुल 36,944 मौजों का विद्युतीकरण किया गया एवं 1,14,516 पंप सेट चलायि गये।

परिवहन

सडकें

31 मार्च 2002 को राज्‍य में सड़कों की कुल लंबाई 91,970 किलोमीटर थी जिसमें 1,898 किलोमीटर लंबे राष्‍ट्रीय राजमार्ग शामिल थे। सड़कों की लंबाई इस प्रकार है :

  1. प्रांतीय राजमार्ग - 3533 किलोमीटर,
  2. लोक निर्माण विभाग सड़कें - 12565 कि.मी. और
  3. ज़िला सड़कें - 42,479 कि.मी.।

रेलवे

त्‍योहार

दुर्गा पूजा सबसे महत्‍वपूर्ण त्‍योहार है इसके अतिरिक्त काली पूजा, सरस्वती पूजा, दीपावली। वसंत पंचमी, लक्ष्‍मी पूजा, होली, शिवरात्रि, जन्‍माष्‍टमी, ईद, क्रिसमस आदि त्योहार भी मनाये जाते हैं। बंगाल में आयोजित होने वाले मेलों में गंगासागर मेला, केंदोली मेला, जालपेश मेला, राश मेला तथा पौष मेला प्रमुख हैं।

पर्यटन स्‍थल

हावड़ा

पश्चिम बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। पर्यटक स्थलों में हावड़ा ब्रिज पर्यटकों को आकर्षित करता है। हावड़ा ब्रिज के अतिरिक्त पर्यटक यहां पर हावड़ा स्टेशन, महान बरगद का पेड़, बेलूर मठ, गारचूमुक, पानीतरास-सम्ताबेर और विद्यासागर सेतु आदि देख सकते हैं, जो बहुत खूबसूरत हैं। यह अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है।

जलपाईगुडी

नदियों और पहाड़ियों से घिरा जलपाईगुडी पश्चिम बंगाल में है। यहां पर चाय के बागानों और जंगल बहुत सुंदर हैं। यहां रहने वाले निवासी बड़े मिलनसार और हंसमुख हैं। वह जलपाईगुड़ी में आने वाले पर्यटकों का स्वागत बड़े आदर और उत्साह के साथ करते हैं।

पुरूलिया

पुरूलिया पश्चिम बंगाल का आभूषण नाम से जाना जाता है। यहां पर प्राकृतिक सुन्‍दरता के साथ-साथ अटचला और चारचला शैली में बने मंदिर भी प्रसिद्ध हैं। इन मन्दिरों के अतिरिक्त बगमुंडी, बिरंचीनाथ, बुद्धपुर, चार्रा और गनपुर पर्यटक स्थल हैं।

वर्द्धमान

वर्द्धमान पश्चिम बंगाल में स्थित है। धान के खेतों के अतिरिक्त यह विश्वप्रसिद्ध पर्यटक स्थलों कर्जन गेट, कंचननगर, एक सौ आठ शिव मन्दिर, मंकर और कल्याणोश्वरी मन्दिर के लिए जाना जाता हैं।


इनके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल के महत्‍वपूर्ण पर्यटन केन्‍द्र हैं - कोलकाता, दीघा, बाक्‍खाली सी रिजॉर्ट, सागर द्वीप और सुंदरवन, बंदेल, ताराकेश्‍वर, हुगली, शांति निकेतन और दार्जिलिंग, कालीमपोंग आदि।

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