हेडी लामार  

हेडी लामार

हेडी लामार (अंग्रेज़ी: Hedy Lamarr, जन्म का पूरा नाम- Hedwig Eva Maria Kiesler, जन्म- 9 नवंबर, 1914,वियना, ऑस्ट्रिया; मृत्यु- 19 जनवरी, 2000, फ़्लोरिडा) एक खूबसूरत अभिनेत्री होने के साथ ही एक आविष्कारक भी थीं। आज जो वाई फ़ाई, ब्लुटूथ, सीडीएमए जैसी तकनीक का उपयोग किया जाता है, उसे बेहद खूबसूरत अभिनेत्री हेडी लामार ने खोजा था। उनकी 1933 में आई "स्टेसी" नाम की विवादास्पद फिल्म ने उन्हें रातों-रातों लोगों के दिलों में बैठा दिया था। हेडी लामार की यह दिवानगी लोगों में 1950 तक छाई रही।

परिचय

हेडी लामार का जन्म ऑस्ट्रिया में हुआ था। सिनेमा में उनका शानदार कॅरियर था और इससे ही उन्हें शोहरत मिली थी। वह हॉलिवुड का चमकता सितारा थीं। हेडी लामार ने छ: विवाह किये थे। जन्म के वक्त उनका नाम 'हेडविग ईवा मारिया कीस्लर' रखा गया था। वह एक रईस यहूदी परिवार में पैदा हुई थीं। उनका जन्म ऑस्ट्रिया के वियना में हुआ था। सबसे पहले उन्होंने एक हथियारों के डीलर उद्योगपति से शादी की थी। वह उनके तब शुरू ही हुए अभिनय के कॅरियर से खुश नहीं थे। उन्होंने उन्हें अपने दोस्तों और सहयोगियों के लिए मेजबान बनने का मौका दिया। उनके दोस्तों में कई नाज़ी भी शामिल थे।

हॉलिवुड में प्रवेश

हेडी लामार इस काम में टिक नहीं सकीं और गुपचुप तरीके से भागकर पहले पेरिस और फिर लंदन पहुंच गईं। यहां उनकी मुलाकात लीजेंडरी लुइस बी. मेयर से हुई, जो कि एमजीएम स्टूडियोज के प्रमुख थे। उन्होंने उन्हें हॉलिवुड में आने का ऑफर दिया और उन्हें दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला के तौर पर प्रचारित किया। उन्होंने कई फ़िल्मों में काम किया और सफलता पाई।

अविष्कार

30 से अधिक फिल्मों के जरिए उनकी सफलता ने उन्हें मशहूर कर दिया था, लेकिन उन्हें असली ख्याति उनके आविष्कारक होने की वजह से मिली। हेडी लामार ने मित्र देशों के लिए एक गाइडेंस सिस्टम डिवेलप किया था। यह गाइडेंस सिस्टम टॉरपीडो के लिए था। फ्रीक्वेंसी को स्विच करने के जरिए दुश्मन उन टॉरपीडो को जाम न कर पाएं, इसके लिए उन्होंने इस गाइडेंस सिस्टम को ईजाद किया था। उनकी खोजों के तत्वों को आज के ब्लूटूथ और वाईफाई टेक्नोलॉजी में देखा जा सकता है।[१]

हेडी लामार ने 1933 में अपनी पहली शादी के बाद अभिनय से कुछ दिनों के लिए विराम लिया और तकनीकी विज्ञान के क्षेत्र में कदम रखा। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान उन्होंने मित्र राष्ट्रों के रेडियो को जाम करने को बड़ी समस्या माना और जार्ज एन्थल के साथ मिलकर स्पेक्ट्रम फैलाने की तकनीक खोजी। हालांकि इसका विश्वयुद्ध में इस्तेमाल नही हुआ, लेकिन बाद में इससे वाईफाई, ब्लूटूथ और सीडीएमए तकनीक का अविष्कार हुआ। उनके काम की सराहना के तौर पर 2014 में उन्हें "नेश्नल इन्वेटर हाल" में जगह मिली।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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