नाम
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राज्य क्षेत्र
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आंध्र प्रदेश
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[१]वे राज्य क्षेत्र जो आंध्र राज्य अधिनियम, 1953 की धारा 3 की उपधारा (1) में, राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 3 की उपधारा (1) में, आंध्रप्रदेश और मद्रास (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1959 की प्रथम अनुसूची में और आंध्रप्रदेश और मैसूर (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1968 की अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं, किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो आंध्रप्रदेश और मद्रास (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1959 की द्वितीय अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।
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असम
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वे राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले असम प्रांत, ख़ासी राज्यों और असम जनजाति क्षेत्रों में समाविष्ट थे, किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो असम (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1951 की अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।[२] (और वे राज्य क्षेत्र भी इसके अंतर्गत नहीं हैं, जो नागालैंड राज्य अधिनियम, 1962 की धारा 3 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं।)[३]
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बिहार
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[४](वे राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले या तो बिहार प्रांत में समाविष्ट थे या इस प्रकार प्रशासित थे मानो वे उस प्रांत के भाग रहे हों और वे राज्य क्षेत्र जो बिहार और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1968 की धारा 3 की उपधारा (1) के खंड (क) में विनिर्दिष्ट हैं, किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो बिहार और पश्चिमी बंगाल (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1956 की धारा 3 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं और वे राज्य क्षेत्र भी इसके अंतर्गत नहीं हैं जो प्रथम वर्णित अधिनियम की धारा 3 की उपधारा (1) के खंड (ख) में विनिर्दिष्ट हैं।)
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गुजरात
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वे राज्य क्षेत्र जो मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, 1960 की धारा 3 की उपधारा (1) में निर्दिष्ट हैं।
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केरल
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वे राज्य क्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 5 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं।
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मध्य प्रदेश
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वे राज्य क्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 9 की उपधारा (1) में (राजस्थान और मध्यप्रदेश (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1959 (1959 का 47) की धारा 4 द्वारा (1-10-1959 से) अंतःस्थापित।) (तथा राजस्थान और मध्यप्रदेश (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1959 की प्रथम अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।)
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तमिलनाडु
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वे राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले या तो मद्रास प्रांत में समाविष्ट थे या इस प्रकार प्रशासित थे मानो वे उस प्रांत के भाग रहे हों और वे राज्य क्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 4 में (आंध्रप्रदेश और मद्रास (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1959 (1959 का 56) की धारा 6 द्वारा (1-4-1960 से) अंतःस्थापित।) (तथा आंध्रप्रदेश और मद्रास (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1959 की द्वितीय अनुसूची में) विनिर्दिष्ट हैं, किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो आंध्र राज्य अधिनियम, 1953 की धारा 3 की उपधारा (1) और धारा 4 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं और (आंध्रप्रदेश और मद्रास (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1959 (1959 का 56) की धारा 6 द्वारा (1-4-1960 से) कुछ शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।) (वे राज्य क्षेत्र भी इसके अंतर्गत नहीं हैं जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 5 की उपधारा (1) के खंड (ख), धारा 6 और धारा 7 की उपधारा (1) के खंड (घ) में विनिर्दिष्ट हैं और वे राज्य क्षेत्र भी इसके अंतर्गत नहीं हैं जो आंध्रप्रदेश और मद्रास (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1959 की प्रथम अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।)
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महाराष्ट्र
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वे राज्य क्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 8 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं, किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, 1960 की धारा 3 की उपधारा (1) में निर्दिष्ट हैं।
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कर्नाटक
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वे राज्य क्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 7 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं, (आंध्रप्रदेश और मैसूर (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1968 (1968 का 36) की धारा 4 द्वारा (1-10-1968 से) अंतःस्थापित।) किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो आंध्रप्रदेश और मैसूर (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1968 की अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।
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उड़ीसा
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वे राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले या तो उड़ीसा प्रांत में समाविष्ट थे या इस प्रकार प्रशासित थे मानो वे उस प्रांत के भाग रहे हों।
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पंजाब
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वे राज्य क्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 11 में विनिर्दिष्ट हैं (अर्जित राज्य क्षेत्र (विलयन) अधिनियम, 1960 (1960 का 64) की धारा 4 द्वारा (1-10-1968 से) अंतःस्थापित।) (और वे राज्य क्षेत्र जो अर्जित राज्य क्षेत्र (विलयन) अधिनियम, 1960 की प्रथम अनुसूची के भाग 2 में निर्दिष्ट हैं,) (संविधान (नवाँ संशोधन) अधिनियम, 1960 की धारा 3 द्वारा (17-1-1961 से) जोड़ा गया।) (किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो संविधान (नवाँ संशोधन) अधिनियम, 1960 की पहली अनुसूची के भाग 2 में निर्दिष्ट हैं) (पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 (1966 का 31) की धारा 7 द्वारा (1-11-1966 से) अंतःस्थापित।) (और वे राज्य क्षेत्र भी इसके अंतर्गत नहीं हैं जो पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 की धारा 3 की उपधारा (1), धारा 4 और धारा 5 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं।)
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राजस्थान
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वे राज्य क्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 10 में विनिर्दिष्ट हैं, (राजस्थान और मध्यप्रदेश (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1959 (1959 का 47) की धारा 4 द्वारा (1-10-1959 से) अंतःस्थापित।) (किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो राजस्थान और मध्यप्रदेश (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1959 की प्रथम अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।)
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उत्तर प्रदेश
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(हरियाणा और उत्तर प्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1979 (1979 का 31) की धारा 5 द्वारा (15-9-1983 से) '13. उत्तरप्रदेश' के सामने की प्रविष्टि के स्थान पर प्रतिस्थापित।) वे राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले या तो संयुक्त प्रांत नाम से ज्ञात प्रांत में समाविष्ट थे या इस प्रकार प्रशासित थे मानो वे उस प्रांत के भाग रहे हों, वे राज्य क्षेत्र जो बिहार और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1968 की धारा 3 की उपधारा (1) के खंड (ख) में विनिर्दिष्ट हैं और वे राज्य क्षेत्र जो हरियाणा और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1979 की धारा 4 की उपधारा (1) के खंड (ख) में विनिर्दिष्ट हैं, किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो बिहार और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1968 की धारा 3 की उपधारा (1) के खंड (क) में विनिर्दिष्ट हैं और वे राज्य क्षेत्र भी इसके अंतर्गत नहीं हैं जो हरियाणा और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1979 की धारा 4 की उपधारा (1) के खंड (क) में विनिर्दिष्ट हैं।
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पश्चिमी बंगाल
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वे राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले या तो पश्चिमी बंगाल प्रांत में समाविष्ट थे या इस प्रकार प्रशासित थे मानो वे उस प्रांत के भाग रहे हों, और चंद्रनगर (विलयन) अधिनियम, 1954 की धारा 2 के खंड (ग) में यथा परिभाषित चंद्रनगर का राज्य क्षेत्र और वे राज्य क्षेत्र भी जो बिहार और पश्चिमी बंगाल (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1956 की धारा 3 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं।
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जम्मू-कश्मीर
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वह राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले जम्मू-कश्मीर देशी राज्य में समाविष्ट था।
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नागालैंड
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वे राज्य क्षेत्र जो नागालैंड राज्य अधिनियम, 1962 की धारा 3 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं।
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हरियाणा
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(हरियाणा और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1979 (1979 का 31) की धारा 5 द्वारा (15-9-1983 से) '17. हरियाणा' के सामने की प्रविष्टि के स्थान पर प्रतिस्थापित।) वे राज्य क्षेत्र जो पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 की धारा 3 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं और वे राज्य क्षेत्र जो हरियाणा और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1979 की धारा 4 की उपधारा (1) के खंड (क) में विनिर्दिष्ट हैं, किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो उस अधिनियम की धारा 4 की उपधारा (1) के खंड (ख) में विनिर्दिष्ट हैं।
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हिमाचल प्रदेश
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वे राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले इस प्रकार प्रशासित थे मानो वे हिमाचलप्रदेश और बिलासपुर के नाम से ज्ञात मुख्य आयुक्त वाले प्रांत रहे हों और वे राज्य क्षेत्र जो पंजाब पुनर्गठन अधिनिमय, 1966 की धारा 5 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं।
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मणिपुर
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वह राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले इस प्रकार प्रशासित था मानो वह मणिपुर के नाम से ज्ञात मुख्य आयुक्त वाला प्रांत रहा हो।
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त्रिपुरा
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वह राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले इस प्रकार प्रशासित था मानो वह त्रिपुरा के नाम से ज्ञात मुख्य आयुक्त वाला प्रांत रहा हो।
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मेघालय
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वे राज्य क्षेत्र जो पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 की धारा 5 में विनिर्दिष्ट हैं।
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सिक्किम
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वे राज्य क्षेत्र जो संविधान (छत्तीसवाँ संशोधन) अधिनियम, 1975 के प्रारंभ से ठीक पहले सिक्किम में समाविष्ट थे।
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मिजोरम
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वे राज्य क्षेत्र जो पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 की धारा 6 में विनिर्दिष्ट हैं।
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अरुणाचल प्रदेश
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वे राज्य क्षेत्र जो पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 की धारा 7 में विनिर्दिष्ट हैं।
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गोआ
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वे राज्य क्षेत्र जो गोआ, दमण और दीव पुनर्गठन अधिनियम, 1987 की धारा 3 में विनिर्दिष्ट हैं।
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