पतझड़ की शाम -हरिवंश राय बच्चन  

पतझड़ की शाम -हरिवंश राय बच्चन
कवि हरिवंश राय बच्चन
जन्म 27 नवंबर, 1907
मृत्यु 18 जनवरी, 2003 ई.
मृत्यु स्थान मुंबई, महाराष्ट्र
मुख्य रचनाएँ मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश, तेरा हार, निशा निमंत्रण, मैकबेथ, जनगीता, दो चट्टाने
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
हरिवंश राय बच्चन की रचनाएँ

है यह पतझड़ की शाम, सखे!

नीलम से पल्लव टूट ग‌ए,
मरकत से साथी छूट ग‌ए,
अटके फिर भी दो पीत पात,
जीवन-डाली को थाम, सखे!
है यह पतझड़ की शाम, सखे!

लुक-छिप करके गानेवाली,
मानव से शरमानेवाली,
कू-कू कर कोयल माँग रही,
नूतन घूँघट अविराम, सखे!
है यह पतझड़ की शाम, सखे!

नंगी डालों पर नीड़ सघन,
नीड़ों में है कुछ-कुछ कंपन,
मत देख, नज़र लग जा‌एगी;
यह चिड़ियों के सुखधाम, सखे!
है यह पतझड़ की शाम, सखे!


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः



"https://amp.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=पतझड़_की_शाम_-हरिवंश_राय_बच्चन&oldid=310446" से लिया गया