"प्रयोग:नवनीत6" के अवतरणों में अंतर
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+ | <quiz display=simple> | ||
+ | {'पेरिप्लस मैरिस एरिथ्रियन सी' के लेखक को पादौक के रूप में ज्ञात बन्दरगाह कौन था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-757 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +अरिकमेडु | ||
+ | -ताम्रलिप्ति | ||
+ | -कोकाई | ||
+ | -बारबैरिकम | ||
+ | |||
+ | {ईसा की प्रारंभिक शताब्दियों में भारतीय और पश्चिमी व्यापारियों का सबसे बड़ा व्यापारिसंगम-स्थल कौन था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-758 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -देडेसिया | ||
+ | +एलेक्जेंड्रिया या सिकन्दरिया | ||
+ | -तक्षशिला | ||
+ | -पालमायरा | ||
+ | |||
+ | {[[भारत]] में हिन्द-यूनानी शासन की स्थापना से पूर्व सिक्कों का प्रसारण किसके द्वारा किया जाता था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-759 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -शासकों | ||
+ | -व्यक्तिगत व्यापारियों | ||
+ | -व्यापारिक निगमों | ||
+ | +उपर्युक्त सभी | ||
+ | |||
+ | {सर्वाधिक संख्या में रोमन सिक्के कहाँ से पाए गए हैं? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-760 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[केरल]] | ||
+ | -[[तमिलनाडु]] | ||
+ | +उपर्युक्त दोनों | ||
+ | -[[पश्चिम बंगाल|पश्चिमी बंगाल]] | ||
+ | |||
+ | {वह कौन प्रथम भारतीय शासक था, जिसने रोमन मुद्रा प्रणाली के अनुरूप अपने सिक्कों का प्रसारण किया? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-761 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -शुंग | ||
+ | -हिन्द-यूनानी | ||
+ | +[[कुषाण]] | ||
+ | -[[गुप्तवंश]] | ||
+ | |||
+ | {[[उत्तर भारत]] के किस नगर को सर्वोत्तम रेशम उत्पादन केन्द्र माना जाता था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-762 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[तक्षशिला]] | ||
+ | -[[पाटलिपुत्र]] | ||
+ | -[[कौशाम्बी]] | ||
+ | +[[वाराणसी]] | ||
+ | |||
+ | {एक प्राचीन भारतीय राजवंश के शासकों ने उसके साम्राज्य में निवास करने वाले विभिन्न [[धर्म|धर्मों]] के लोगों द्वरापूजित 35 [[देवी]]-[[देवता|देवताओं]] की आकृतियों को अपने सिक्के पर अंकित कराया। उक्त राजवंश था: (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-218,प्रश्न-763 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[मौर्य वंश|मौर्य]] | ||
+ | -शक | ||
+ | +[[कुषाण वंश|कुषाण]] | ||
+ | -[[गुप्त राजवंश|गुप्त]] | ||
+ | |||
+ | {[[भारत]] और पश्चिम एशिया के मध्य मुख्यत: स्थल मार्ग कहाँ से गुजरता था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-219,प्रश्न-764 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +[[खैबर दर्रा]] और [[काबुल]] | ||
+ | -खैबर और [[बोलन दर्रा]] | ||
+ | -[[तक्षशिला]], [[पेशावर]] और [[काबुल]] | ||
+ | -[[काबुल]] और [[बामियान]] | ||
+ | |||
+ | {[[मौर्योत्तर काल]] में [[पश्चिम भारत]] में व्यापार का सबसे महत्त्वपूर्ण केन्द्र कौन था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-219,प्रश्न-765 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -सुपरिक | ||
+ | -कल्याण | ||
+ | -[[चोल]] | ||
+ | +[[भरुकच्छ]] | ||
+ | |||
+ | {'सिन्ध-सौवीर' प्राचीन [[भारत]] में किसलिए प्रसिद्ध था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-219,प्रश्न-766 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -उत्तम तलवारों एवं कटारों के उत्पादन | ||
+ | +घोड़ों एवं खच्चरों के व्यापार | ||
+ | -ऊनी वस्त्र उद्योग | ||
+ | -चमड़े की वस्तुओं के उत्पादन | ||
+ | |||
+ | -------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- | ||
+ | |||
+ | {पतंजली के अनुसार [[मथुरा]] वस्त्र उद्योग का मुख्य केन्द्र था, कपड़े की निम्नलिखित कौन-सी किस्म वहाँ उत्पादित होती थी? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-219,प्रश्न-767 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -दुकूल | ||
+ | +सटक | ||
+ | -क्षौम | ||
+ | -चीनांसुक | ||
+ | |||
+ | {सर्वप्रथम किस गुप्त सम्राट के समय के अभिलेख उत्तरी बंगाल से मिले थे? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-943 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[चंद्रगुप्त प्रथम]] | ||
+ | -[[चंद्रगुप्त द्वितीय]] | ||
+ | +[[कुमारगुप्त प्रथम]] | ||
+ | -[[समुद्रगुप्त]] | ||
+ | |||
+ | {[[गुप्त काल|गुप्तकालीन]] जनपदों की सूची में प्रथम जनपद का सम्मान निम्न में से किसे दिया गया? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-944 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +[[मालवा]] | ||
+ | -[[मगध]] | ||
+ | -[[प्रयाग]] | ||
+ | -उपर्युक्त में से कोई नहीं | ||
+ | |||
+ | {गुप्त संवत् (319-320) को प्रारंभ करने का श्रेय किसे दिया जाता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-945 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -श्रीगुप्त | ||
+ | +[[चंद्रगुप्त प्रथम]] | ||
+ | -[[समुद्रगुप्त]] | ||
+ | -कुमारगुप्त | ||
+ | |||
+ | {[[हरिषेण]] किस शासक का दरबारी [[कवि]] था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-946 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +[[समुद्रगुप्त]] | ||
+ | -[[अशोक]] | ||
+ | -[[कनिष्क]] | ||
+ | -[[चंद्रगुप्त द्वितीय]] | ||
+ | |||
+ | {[[गुप्त काल]] को [[प्राचीन भारत]] का क्लासिकल युग क्यों कहा जाता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-947 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -व्यापार में अभूतपूर्ण प्रगति के कारण। | ||
+ | +[[कला]] एवं [[साहित्य]] के क्षेत्र के अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँचने के कारण। | ||
+ | -प्रचुर मात्रा में स्वर्ण सिक्के चिलाये जाने के कारण | ||
+ | -उपर्युक्त सभी के कारण | ||
+ | |||
+ | {धन्वंतरी निम्न में से किसके कारण प्रसिद्ध थे: (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-948 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -गणितज्ञ होने के कारण | ||
+ | +[[आयुर्वेद]] के विद्वान एवं चिकित्सक होने के कारण | ||
+ | -[[ज्योतिष]] का प्रसिद्ध विद्वान के कारण | ||
+ | -प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ होने के कारण | ||
+ | |||
+ | {[[गुप्त काल]] का प्रसिद्ध खगोलशास्त्री कौन था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-949 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[भास्कराचार्य]] | ||
+ | -[[वराहमिहिर]] | ||
+ | +[[आर्यभट्ट]] | ||
+ | -[[ब्रह्मगुप्त]] | ||
+ | |||
+ | {[[गुप्त काल]] में [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] की [[काँस्य]] निर्मित प्रतिमा कहाँ से प्राप्त हुई है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-950 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +[[सुल्तानगंज]] | ||
+ | -[[बोधगया]] | ||
+ | -[[अजंता]] | ||
+ | -[[मथुरा]] | ||
+ | |||
+ | {[[सती प्रथा]] का पहला उल्लेख कहाँ से मिलता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-951 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -भीतरगांव लेख से | ||
+ | -विलसंड स्तंभलेख से | ||
+ | +एरण अभिलेख से | ||
+ | -भितरी स्तंभलेख से | ||
+ | -------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- | ||
+ | {[[गुप्त वंश]] के किस शासक ने हूणों को परास्त किया? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-652 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +[[स्कन्दगुप्त]] | ||
+ | -[[चंद्रगुप्त द्वितीय]] | ||
+ | -[[समुद्रगुप्त]] | ||
+ | -[[रामगुप्त]] | ||
+ | |||
+ | {शतपथ ब्राह्मण में शिव को निम्नलिखित में से किस नाम से जाना जाता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-860 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -गिरित्र | ||
+ | -कपर्दिन | ||
+ | +सहस्त्राक्ष | ||
+ | -शतरुद्रिय | ||
+ | |||
+ | {[[कालिदास]] के किस [[ग्रंथ]] में प्रत्यभिज्ञा दर्शन का निरूपण हुआ था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-861 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[रघुवंश]] | ||
+ | -[[कुमारसम्भव]] | ||
+ | +[[अभिज्ञान शाकुंतलम्|अभिज्ञान शाकुंतलम]] | ||
+ | -[[मेघदूत]] | ||
+ | |||
+ | {निम्नलिखित में से कौन-सा स्थल 'त्रिमूर्ति' के लिए विख्यात है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-862 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[अजंता]] | ||
+ | -[[एलोरा]] | ||
+ | +एलिफेण्टा | ||
+ | -इनमें से कोई नहीं | ||
+ | |||
+ | {[[संगम युग]] में प्रांतों को मंडलम में विभाजित किया गया था और मंडलम का भी उपविभाजन निम्नलिखित में से किसमें हुआ था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-863 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +नाडु | ||
+ | -कुर्रम | ||
+ | -कोट्टम | ||
+ | -उर | ||
+ | |||
+ | {निम्नलिखित में से कौन-सी रचना संगम-युगीन मदुराई नगर का सुन्दर वर्णन प्रस्तुत करती है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-864 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +मणिमेकलै | ||
+ | -[[शिलप्पादिकारम]] | ||
+ | -कुराल अथवा तिरुकुराल | ||
+ | -पत्तप्पाट्टु | ||
+ | |||
+ | {[[संगम युग]] में 'वरियम' शब्द किसका सूचक था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-865 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] को अनुदान में दिए गए राजस्व मुक्त ग्राम। | ||
+ | +राजस्व प्रदान करने वाली क्षेत्रीय इकाई। | ||
+ | -भू-राजस्व वसूल करने वाला प्रभारी अधिकारी। | ||
+ | -ग्रामसभाओं की प्रबंधक समिति। | ||
+ | |||
+ | {निम्नलिखित में से कौन-सा क्षेत्र राज्य की आय का एक स्त्रोत नहीं था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-866 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -राजकीय सम्पत्ति तथा राजकोष | ||
+ | -राज्य व्यापार | ||
+ | -मार्ग-शुल्क और सीमा-शुल्क | ||
+ | +दीवानी मुकदमों पर (स्टाम्प) न्याय-शुल्क | ||
+ | |||
+ | {[[संगम युग]] में [[भारत]] द्वारा आयातित सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण वस्तु क्या थी? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-867 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +[[सोना]] और [[चाँदी]] | ||
+ | -मृदभाण्ड एवं काँच के बर्तन | ||
+ | -[[मदिरा]] एवं दासियाँ | ||
+ | -[[घोड़ा|घोड़े]] | ||
+ | |||
+ | {निम्नलिखित में कौन-सा राजवंश [[संगम युग|परवर्ती संगम युग]] में चेर राजाओं के साथ निरंतर युद्ध में लगा रहा? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-868 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[चोल राजवंश|चोल]] | ||
+ | +[[पाण्ड्य राजवंश|पाण्ड्य]] | ||
+ | -[[इक्ष्वाकु वंश|इक्ष्वाकु]] | ||
+ | -[[पल्लव]] | ||
+ | -------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- | ||
+ | {[[संगम युग]] में 'कोडै' क्या था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-913 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +उपहार प्रदान करने वाली संस्था | ||
+ | -ऊँची भूमि | ||
+ | -रमणीय पर्वतीय स्थल | ||
+ | -जनसभा | ||
+ | |||
+ | {[[संगम युग]] में विनिमय की दर निश्चित नहीं थी, परंतु दो वस्तुओं का आपसी विनियम बराबर मात्रा में होता था, वे वस्तुएँ थी: (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-914 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[मछली]] और [[नमक]] | ||
+ | -[[धान]] और [[मछली]] | ||
+ | -[[दाल]] और [[नमक]] | ||
+ | +[[धान]] और [[नमक]] | ||
+ | |||
+ | {आरम्भिक तमिल लेखों पर किन [[भाषा|भाषाओं]] का प्रभाव नहीं था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-915 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[संस्कृत]] | ||
+ | -[[प्राकृत]] | ||
+ | -[[पालि]] | ||
+ | +[[कन्नड़]] | ||
+ | |||
+ | {[[संगम युग]] में 'वेत्वी' का अर्थ था: (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-916 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -पशुओं की चोरी | ||
+ | -पशुओं के लिए युद्ध | ||
+ | +[[गाय]] का हरण | ||
+ | -गाय के लिए युद्ध | ||
+ | |||
+ | {[[संगम युग]] में संगम [[ग्रंथ|ग्रंथों]] में वर्णित नगर 'वसव समुद्र' हैं: (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-917 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +[[मद्रास]] | ||
+ | -[[मदुरै]] | ||
+ | -कावेरीपट्टनम | ||
+ | -मुसिरी | ||
+ | |||
+ | {[[तमिल]] [[काव्य]] में आगम वर्ग की कविताएँ: (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-918 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -प्रेम संबंधी है। | ||
+ | -राजाओं की प्रशंसा में हैं। | ||
+ | -[[प्रकृति]] की प्रशंसा हैं। | ||
+ | +[[शिव|भगवान शिव]] की प्रशंसा में हैं। | ||
+ | |||
+ | {[[गुप्त]] किसके सामंत थे? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-919 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[मौर्य वंश|मौर्यों के]] | ||
+ | +[[कुषाण वंश|कुषाणों के]] | ||
+ | -[[सातवाहन वंश|सातवाहनों के]] | ||
+ | -उपर्युक्त में से कोई नहीं | ||
+ | |||
+ | {[[गुप्त वंश]] का संस्थापक कौन था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-920 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[घटोत्कच गुप्त|घटोत्कचगुप्त]] | ||
+ | -[[चंद्रगुप्त प्रथम|चंद्रगुप्त प्रथम ने]] | ||
+ | +[[श्रीगुप्त]] | ||
+ | -[[रामगुप्त]] | ||
+ | |||
+ | {[[गुप्त वंश]] के किस शासन ने सर्वप्रथम महाधिराज की उपाधि धारण की? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-921 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[श्रीगुप्त |श्रीगुप्त ने]] | ||
+ | +[[चंद्रगुप्त प्रथम|चंद्रगुप्त प्रथम ने]] | ||
+ | -[[घटोत्कच गुप्त|घटोत्कचगुप्त]] | ||
+ | -[[समुद्रगुप्त|समुद्रगुप्त ने]] | ||
+ | |||
+ | {मेहरौली का स्तम्भ लेख किस शासक से संबंधित है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-923 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +[[चंद्रगुप्त द्वितीय]] | ||
+ | -[[चंद्रगुप्त मौर्य]] | ||
+ | -[[अशोक]] | ||
+ | -[[समुद्रगुप्त]] | ||
+ | |||
+ | -------------------------------------------------------------------------------------------- | ||
+ | |||
+ | {[[गुप्तोत्तर काल]] के बारे में निम्न में से क्या तात्पर्य है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1000 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -इस [[काल]] में गाँव भी अपनी मुद्रा जारी करने लगे। | ||
+ | -ग्रामीण समुदायों के भूमि संबंधी अधिकारों का ह्रास हुआ। | ||
+ | -एक नये भूमिधर वर्ग का उदय हुआ एवं व्यापार का पतन हुआ। | ||
+ | +राष्ट्रकूटों ने सैनिकों को भूमि अनुदान नहीं दिया। | ||
+ | |||
+ | {किस इतिहासकार ने [[गुप्तोत्तर काल|गुप्तोत्तरकालीन]] सामाजिक, आर्थिक संगठन एवं संरचना के लिए सामंतवाद शब्द का प्रयोग किया? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1001 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[ए. एस. अल्तेकर]] | ||
+ | +[[आर. एस. शर्मा]] | ||
+ | -[[के. पी. जायसवाल]] | ||
+ | -इनमें से कोई नहीं | ||
+ | |||
+ | {[[गुप्तोत्तर काल|गुप्तोत्तरकालीन]] भूमि व्यवस्था के बारे में कौन-सा कथन सत्य है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1002 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -अर्थव्यवस्था कृषि मूलक थी। | ||
+ | -राज सत्ता भू-सम्पत्ति से घनिष्ठ रूप से संबद्ध हो गयी। | ||
+ | -अभिलेखों में सामूहिक स्वामित्व के साक्ष्य प्राप्त होते हैं। | ||
+ | +उपर्युक्त सभी | ||
+ | |||
+ | {[[गुप्त काल]] के 18 करों में वह प्रमुख कर कौन-सा था, जो 16 से 25 प्रतिशत तक वसूला जाता था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1003 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -भोग | ||
+ | -भूतवातप्रत्याय | ||
+ | +उद्रंग | ||
+ | -प्रणय | ||
+ | |||
+ | {[[गुप्त काल|गुप्तकालीन]] [[ग्रंथ|ग्रंथों]] में प्रयुक्त "आभ्यांतर सिद्ध" से ध्वनित होता है: (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1004 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +फौजदारी एवं दीवानी मामले | ||
+ | -सामंतों की कार्य प्रणाली | ||
+ | -दो सामंतों के मध्य विवाद | ||
+ | -इनमें से कोई नहीं | ||
+ | |||
+ | {निम्नलिखित [[ग्रंथ|ग्रंथों]] में से किसके [[गुप्तोत्तर काल|गुप्तोत्तरकालीन]] भू-राजस्व व्यवस्था पर प्रकाश नहीं पड़ता: (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1005 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[हर्षचरति |हर्षचरति]] | ||
+ | -अपराजितापृच्छा | ||
+ | -राजतरंगिणी | ||
+ | +काव्यादर्श | ||
+ | |||
+ | {[[गुप्त काल|गुप्तकालीन]] भू-माप के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1006 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -गुप्त काल में भूमि 'हस्त' से नापी जाती थी। | ||
+ | -हस्त से बड़ी इकाई धनु थी। | ||
+ | -भूमि माप हेतु सरकंडों का उपयोग किया जाता था। | ||
+ | +उपयुक्त सभी | ||
+ | |||
+ | {[[गुप्तत्तोर काल|गुप्तत्तोरकालीन]] करों के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य हैं? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1007 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -परहीनक पशुओं द्वारा की गई हानि की क्षतिपूर्ति के रूप में लिया जाता था। | ||
+ | -राजकीय भूमि पर कृषि कर सीता कहलाता था। | ||
+ | -अवल्गक सेनाभक्त की तरह का ही एक कर था। | ||
+ | +हलिराकर हलवाईयों पर लगने वाला कर था। | ||
+ | |||
+ | {[[गुप्त काल]] में प्रशासनिक इकाइयों का सही क्रमागर स्तर निम्न में से कौन व्यक्त करता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1008 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +भुक्ति, विषय, पेठ, ग्राम | ||
+ | -विषय, भुक्ति, पेठ, ग्राम | ||
+ | -पेठ, विषय, भुक्ति, ग्राम | ||
+ | -भुक्ति, पेठ, वुषय, ग्राम | ||
+ | |||
+ | {[[गुप्त काल]] में बड़े पैमाने पर जारी सोने के सिक्के का वास्तविक स्त्रोत निम्न में से क्या है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1010 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -रोम के साथ जारी लाभदायक व्यापार | ||
+ | -कोलार की खान पर अधिकार | ||
+ | +पूर्ववर्ती युग के व्यापार से संचित स्वर्ग | ||
+ | -शकों से छीना गया मुद्रा भण्डार | ||
+ | </quiz> | ||
+ | |} | ||
+ | |} |
१२:२२, २१ अगस्त २०१६ का अवतरण
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