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- देई का मन्दिर, पौंटा साहिब
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- देख तेरे संसार की हालत
- देख बहारें होली की -नज़ीर अकबराबादी
- देखत बन सर सैल सुहाए
- देखत भीमरूप सब पापी
- देखत भृगुपति बेषु कराला
- देखत राम हंसे सुदामाकूं देखत राम हंसे -मीरां
- देखत स्यामल धवल हलोरे
- देखत हनूमान अति हरषेउ
- देखन नगरु भूपसुत आए
- देखन बागु कुअँर दुइ आए
- देखन मिस मृग बिहग
- देखरावा मातहि निज
- देखहिं रूप महा रनधीरा
- देखहु मुनि अबिबेकु हमारा
- देखहु रामहि नयन भरि
- देखा भरत बिसाल अति
- देखा श्रमित बिभीषनु भारी
- देखा सैल न औषध चीन्हा
- देखि अजय रिपु डरपे कीसा
- देखि अनूप एक अँवराई
- देखि अमित बल बाढ़ी प्रीती
- देखि इंदु चकोर समुदाई
- देखि करहिं सब दंड प्रनामा
- देखि कुअँर बर बधुन्ह समेता
- देखि कुठार बान धनु धारी
- देखि कृपाल बिकल
- देखि गयउ भ्राता सहित
- देखि चरित अति नर अनुसारी
- देखि चरित यह सो प्रभुताई
- देखि तात तव सहज सुधाई
- देखि दुखारी दीन
- देखि दूरि तें कहि निज नामू
- देखि देखि रघुबीर तन
- देखि निबिड़ तम दसहुँ
- देखि पवनसुत कटक बिहाला
- देखि पवनसुत धायउ
- देखि पवनसुत पति अनुकूला
- देखि पाय मुनिराय तुम्हारे
- देखि प्रताप मूढ़ खिसिआना
- देखि प्रभाउ सुरेसहि सोचू
- देखि प्रीति सुनि बचन अमोले
- देखि प्रीति सुनि बिनय सुहाई
- देखि बिभीषनु आगें आयउ
- देखि बुद्धि बल निपुन
- देखि भरत गति अकथ अतीवा
- देखि भालुपति निज दल घाता
- देखि मनहि महुँ कीन्ह प्रनामा
- देखि मनोहर चारिउ जोरीं
- देखि मनोहर सैल अनूपा
- देखि महा मर्कट प्रबल
- देखि महीप सकल सकुचाने
- देखि मातु आतुर उठि धाई
- देखि रसाल बिटप बर साखा
- देखि राम अति रुचिर तलावा
- देखि राम छबि अति अनुरागीं
- देखि राम छबि कोउ एक कहई
- देखि राम छबि नयन जुड़ाने
- देखि राम बल पौरुष भारी
- देखि राम मुख पंकज
- देखि राम मुनि आवत
- देखि राम रिपुदल चलि आवा
- देखि राम रुख लछिमन धाए
- देखि रूप मुनि बिरति बिसारी
- देखि लोग सब भए सुखारे
- देखि सचिवँ जय जीव
- देखि सनेहु लोग अनुरागे
- देखि समाजु मुदित रनिवासू
- देखि सीय शोभा सुखु पावा
- देखि सुभाउ कहत सबु कोई
- देखि सुभाउ सनेहु सुसेवा
- देखि स्याम मृदु मंजुल गाता
- देखिहउँ जाइ चरन जलजाता
- देखी जनक भीर भै भारी
- देखी बिपुल बिकल बैदेही
- देखी ब्याधि असाध
- देखी माया सब बिधि गाढ़ी
- देखु गरु़ड़ निज हृदयँ बिचारी
- देखु देवपति भरत प्रभाऊ
- देखु विभीषन दच्छिन आसा
- देखे कपिन्ह अमित दससीसा
- देखे जहँ जहँ रघुपति जेते
- देखे थल तीरथ सकल
- देखे सिव बिधि बिष्नु अनेका
- देखेउँ करि सब करम गोसाईं
- देखेउँ पाय सुमंगल मूला
- देखेसि आवत पबि सम बाना
- देखेहु कालि मोरि मनुसाई
- देखो-सोचो-समझो -भगवतीचरण वर्मा
- देखोरे देखो जसवदा मैय्या तेरा लालना -मीरां
- देत लेत मन संक न धरई
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