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+ | *ये कोशकार, छन्दशास्त्री, वैयाकरण तथा काव्यशास्त्राचार्य के रूप में प्रसिद्ध हैं। | ||
*इनका न्याय-ग्रन्थ 'प्रमाण-मीमांसा' विशेष प्रसिद्ध है। | *इनका न्याय-ग्रन्थ 'प्रमाण-मीमांसा' विशेष प्रसिद्ध है। | ||
*इसके सूत्र और उनकी स्वोपज्ञ टीका दोनों ही सुन्दर और बोधप्रद हैं। | *इसके सूत्र और उनकी स्वोपज्ञ टीका दोनों ही सुन्दर और बोधप्रद हैं। | ||
*न्याय के प्राथमिक अभ्यासी के लिए परीक्षामुख और न्यायदीपिका की तरह इसका भी अभ्यास उपयोगी है। | *न्याय के प्राथमिक अभ्यासी के लिए परीक्षामुख और न्यायदीपिका की तरह इसका भी अभ्यास उपयोगी है। | ||
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==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== |
११:५२, २५ फ़रवरी २०१२ का अवतरण
हैमचन्द्र (1089-1173) गुजरात के असाधारण जैन विद्वान और आचार्य थे। ये न्याय, व्याकरण, साहित्य, सिद्धान्त, संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश और योग इन सभी विषयों के प्रखर विद्वान थे।
- हेमचन्द्र राजा सिद्धराज जयसिंह के सभा-कवि थे।
- ये कोशकार, छन्दशास्त्री, वैयाकरण तथा काव्यशास्त्राचार्य के रूप में प्रसिद्ध हैं।
- इनका न्याय-ग्रन्थ 'प्रमाण-मीमांसा' विशेष प्रसिद्ध है।
- इसके सूत्र और उनकी स्वोपज्ञ टीका दोनों ही सुन्दर और बोधप्रद हैं।
- न्याय के प्राथमिक अभ्यासी के लिए परीक्षामुख और न्यायदीपिका की तरह इसका भी अभ्यास उपयोगी है।
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