हरिपत फड़के  

हरिपत फड़के एक मराठा सेनापति था, जिसने नाना फड़नवीस के आदेश से दिसम्बर, 1785 ई. में मैसूर के टीपू सुल्तान के विरुद्ध मराठा सेना का सेनापतित्व किया था।

  • टीपू सुल्तान को हरिपत फड़के ने सुलह की बातचीत करने के लिए विवश कर दिया था।
  • फलस्वरूप 1787 ई. में एक सन्धि हुई, जिसके द्वारा टीपू ने मराठों को 45 लाख रुपया और मराठों द्वारा अधिकृत इलाकों के बदले में बदामी, किठूर और नारगुड ज़िले देना मंजूर कर लिया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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